दक्षिण कोरिया में उठी पूर्व राष्ट्रपति को 30 साल कारावास की सजा देने की मांग

दक्षिण कोरिया की पूर्व राष्ट्रपति पार्क ग्यून हे को भ्रष्टाचार के मामले में अभियोजन पक्ष ने शुक्रवार को सियोल की एक अपीलीय अदालत से 30 साल की सजा देने की मांग की है। पार्क ग्यून हे को भ्रष्टाचार के मामले में महाभियोग लगाकर राष्ट्रपति पद से हटाया गया था। समाचार एजेंसी ‘सिन्हुआ’ की रिपोर्ट के अनुसार, उन्हें छह अप्रैल को दक्षिण कोरिया की एक अदालत ने 24 साल की सजा सुनाई थी। अभियोजकों ने पार्क पर 10.4 करोड़ डॉलर का जुर्माना भी लगाने की मांग की। इससे पहले अदालत ने उन पर 1.6 करोड़ डॉलर का जुर्माना लगाया था।  पार्क पर आरोप था कि उन्होंने लंबे समय तक उनके विश्वस्त रहे चोई सून सिल की मिलीभगत से सैमसंग समेत बड़े व्यापारिक समूहों पर चोई के नियंत्रण वाली एक संस्था को 6.82 करोड़ डॉलर दान देने क लिए दबाव बनाया था।

उनके ऊपर सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स के वाइस चेयरमैल ली जेई-योग को उनके बीमार पिता और कंपनी के चेयरमैन ली कुन ही से कंपनी का प्रबंधन हासिल करने में मदद करने के बदले उनसे 3.82 करोड़ डॉलर का रिश्वत लेने का भी आरोप है। पार्क अक्टूबर 2017 से अदालत में पेश नहीं हुई हैं और उन्होंने मुकदमे की कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित बताया है। आगे फैसला 24 अगस्त को आ सकता है।

गौरतलब है कि पिछले साल मार्च में उन्हें गिरफ्तार किया किया गया था। अदालत के एक प्रवक्ता ने बताया कि पार्क को भ्रष्टाचार और सत्ता के दुरूपयोग मामले में गिरफ्तार किया गया था। इसी मामले की वजह से पार्क को राष्ट्रपति पद से भी बर्खास्‍त किया गया था। उन पर सोल सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने रिश्वत लेने, अधिकारों का दुरूपयोग करने, बलप्रयोग और गोपनीय सरकारी जानकारियां लीक करने के आरोप में पार्क के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था।

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