पीएम नरेंद्र मोदी के साथ आईं ममता बनर्जी, केंद्र की इस योजना में बनेंगी भागीदार
पश्चिम बंगाल की ममता सरकार ने आखिरकार नरेंद्र मोदी सरकार की महत्वकांक्षी योजना आयुष्मान भारत यानी मोदीकेयर योजना को लागू करने के लिए तैयार हो गई है। जल्द ही पश्चिम बंगाल सरकार इस योजना के लिए मोदी सरकार से समझौता करने वाली है। जानकारी के अनुसार, पश्चिम बंगाल सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा मिशन- आयुष्मान भारत को अपने राज्य में लागू करेगी। पश्चिचम बंगाल आयुष्मान भारत योजना को लागू करने वाला 26वां राज्य बनेगा। अधिकांश राज्यों में यह योजना ट्रस्ट आधारित मॉडल पर लागू होगी। इसके तहत केंद्र सरकार व राज्य सरकार दोनों मिलकर एक फंड तैयार करेगी और उस फंड से दावों का निपटारा किया जाएगा। लेकिन पश्चिम बंगाल में इसका स्वरूप दूसरा होगा। यहां ये योजना बीमा मॉडल पर आधारित होगी। इसमें राज्य सरकार न्यूनतम प्रीमियम दर पर बीमा कंपनियों से पॉलिसियां खरीदकर उसे लागू करेगी। बता दें कि एबी-एनएचपीएम का लक्ष्य 10 करोड़ गरीब परिवारों को 5 लाख तक का स्वास्थ्य कवरेज प्रदान करना है, जिसमें भारत की 40 प्रतिशत आबादी शामिल है।
दरअसल, कुछ समय पहले तक बंगाल सरकार अपने राज्य में इस योजना को लागू करने को तैयार नहीं थी क्योंकि यहां वर्ष 2016 में लॉन्च “स्वास्थ्य साथी” नामक अपनी स्वास्थ्य बीमा योजना है। यह योजना बीमा मोड के माध्यम से प्रति परिवार 1.5 लाख रुपये प्रति वर्ष माध्यमिक और तृतीयक देखभाल के लिए बुनियादी स्वास्थ्य कवरेज प्रदान करती है। कैंसर, न्यूरोसर्जरी, ऑर्थोपेडिक और कार्डियोलॉजिकल बीमारियों जैसे कुछ गंभीर बीमारियों के लिए 5 लाख रुपये तक का कवरेज होता है। इस पॉलिसी के तहत पहले की भी बीमारियां आती हैं। वहीं, इस संबंध में आयुष्मान भारत के मुख्य कार्यकारी अधिकारी इंदू भूषण सिंह ने कहा कि जल्द ही उन सभी राज्यों को भी इस योजना के तहत जोड़ लिया जाएगा, जो अभी इससे नहीं जुड़े हैं। उम्मीद है कि अगले एक सप्ताह के अंदर तीन से चार राज्य इससे जुड़ जाएंगे। हमें विश्वास है कि बाकी लोग हमारे साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करेंगे।
गौर हो कि आयुष्मान भारत योजना के तहत प्रत्येक परिवार को प्रतिवर्ष इलाज के लिए पांच लाख रूपये तक का बीमा कवर मिलेगा। इससे देश के 10 करोड़ परिवारों और 50 करोड़ लोगों को फायदा पहुंचने की उम्मीद है। इसके लिए देशभी में 1.5 लाख स्वास्थ्य केंद्र खेले जाएंगे। बीमा कवर के लिए उम्र की बाध्यता नहीं रहेगी। साथ ही इसमें पहले से मौजूद बीमारियों को भी कवर किया जाएगा। योजना में शामिल होने के बाद बीमार व्यक्ति को किसी भी रजिस्टर्ड प्राइवेट या सरकारी अस्पताल में इलाज हो सकेगा।