जम्मू कश्मीर मे सेना ने लिया कॉन्स्टेबल सलीम की शहादत का बदला, तीन आतंकी को किया ढेर

सेना ने जम्मू कश्मीर पुलिस के कॉन्स्टेबल मोहम्मद सलीम की शहादत का बदला 15 घंटे में लिया है। सेना ने कॉन्स्टेबल मोहम्मद सलीम को अगवा कर उनकी हत्या करने वाले आंतकियों को 15 घंटे से भी कम समय में मार गिराया है। कश्मीर के कुलगाम जिले में आज सुबह सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ शुरू हुई। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आतंकवादियों की मौजूदगी की खुफिया जानकारी मिलने के बाद सुरक्षा बलों ने दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले के खुदवानी इलाके में घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू किया था। उन्होंने बताया कि इस बीच आतंकवादियों ने सुरक्षा बलों पर गोलियां चलानी शुरू कर दी।

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक ये वही आतंकी थे जिन्होंने कॉन्स्टेबल मोहम्मद सलीम को अगवा कर लिया था और उन्हें गोलियों से छलनी कर दिया था। शनिवार (21 जुलाई) शाम को उनका शव कुलगाम में ही मिला था। इससे जुड़ा वीडियो भी आतंकवादियों से जारी किया था। आज (22 जुलाई) सुबह सेना की जवाबी कार्रवाई में तीन आतंकी मारे गये। पुलिस इनकी शिनाख्त कर रही है। पुलिस ने इनके पास से भारी मात्रा में हथियार भी बरामद किया है।

पुलिस प्रमुख एसपी वैद ने मीडीया को कहा कि प्रशिक्षु कान्सटेबल की हत्या में शामिल सभी तीन आतंकवादी कुलगाम जिले के खुद्वानी इलाके में मुठभेड़ के दौरान ढेर हो गए। उन्होंने कहा, “आतंकवादियों के तीन शव मुठभेड़ स्थल से बरामद हुए हैं।” इससे पहले वैद ने अपने ट्विटर पेज पर बताया था, “जिस आतंकवादी समूह ने कुलगाम में हमारे सहयोगी मोहम्मद सलीम की निर्मम हत्या की थी, उसे खुद्वानी कुलगाम में घेर लिया गया है।” पुलिस ने कहा कि आतंकवादियों के छिपे होने की खुफिया जानकारी के आधार पर सुरक्षा बलों ने दक्षिण कश्मीर के खुद्वानी गांव में घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू किया था।

 

फिलहाल प्रशासन ने कुलगाम और अनंतनाग जिले में एहतियात के रूप में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं रोक दी हैं। बता दें कांस्टेबल सलीम शाह छुट्टी पर चल रहे थे। पुलिस के एक प्रवक्ता के मुताबिक सलीम शाह का अपहरण आतंकवादियों ने 20 जुलाई की रात को रात दक्षिणी कश्मीर के कुलगाम जिले के मुतालहामा इलाके के उनके घर से किया था। उन्होंने बताया कि शाह का शव 21 जुलाई की शाम को रेडवानी पयीन गांव के निकट एक नर्सरी से बरामद किया गया। प्रवक्ता ने बताया कि उनके शव पर जख्मों के निशान पाए गये हैं जिससे संकेत मिलता है कि आतंकवादियों ने उन्हें बुरी तरह प्रताड़ित किया था। उन्होंने बताया कि शाह 2016 में पुलिस सेवा में शामिल हुये थे और वह डीपीएल पुलवामा में तैनात थे। मारे गये कांस्टेबल के परिवार में उनके बुजुर्ग माता-पिता, दो भाई और एक बहन है और वह अपने परिवार के लिए एकमात्र कमाने वाले शख्स थे। पुलिस ने इस संबंध में केस दर्ज किया है।

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