एनडीटीवी खरीदने जा रहे अजय सिंह ने बीजेपी के लिए बनाया था अबकी बार, मोदी सरकार का नारा, दो रुपए में स्‍पाइसजेट खरीद कर हुए थे चर्च‍ित

एनडीटीवी पर जल्द ही स्पाइसजेट के चेयरमैन अजय सिंह का मालिकाना हक हो जाएगा। सूत्रों के अनुसार अजय सिंह एनडीटीवी में 40 फीसदी की हिस्सेदारी खरीदने जा रहे हैं। स्पाइसजेट ने इंडियन एक्सप्रेस को दिए जवाब में खबर को बेबुनियाद बताया है लेकिन एनडीटीवी से जुड़े सूत्रों के अनुसार सौदा पक्का हो चुका है। आइए जानते हैं कि कौन हैं अजय सिंह। अजय सिंह पहली बार राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में तब आए जब साल 2014 के लोक सभा चुनाव के बाद मीडिया में ये खबर आई कि “अबकी बार मोदी सरकार” का नारा उनके दिमाग की उपज थी। उससे पहले अजय सिंह तब चर्चा में आए थे जब साल 2015 में उन्होंने स्पाइसजेट में कलानिधि मारन की 58.8 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी थी। करीब दो साल बाद 2017 में मारन द्वारा हाई कोर्ट में जमा किए गए दस्तावेज से पता चला कि अजय सिंह ने महज दो रुपये में ये हिस्सेदारी खरीदी थी। इस सौदे की खबरों पर प्रतिक्रिया देते हुए स्पाइसजेट ने कहा था कि कंपनी की सभी कर्जों और देनदारियों का भी जिम्मा लिया गया था (जो उस समय साढ़े तीन हजार करोड़ रुपये थीं) इसलिए ये कहना गलत है कि दो रुपये में सौदा हुआ।

अजय सिंह ने साल 2005 में भारतीय मूल के ब्रिटिश कारोबारी भूपेंद्र कांसगड़ा के साथ मिलकर स्पाइसजेट की शुरुआत की थी। अजय और भूपेंद्र ने घाटे में चल रही मोदीलुत्फ एयरलाइन को खरीदकर फायेदमेंद “स्पाइसजेट” बनाया। अजय सिंह अगस्त 2010 तक स्पाइसजेट के मैनेजिंग डायरेक्टर रहे और उसके बाद उन्होंने सन टीवी के मालिक कलानिधि मारन को स्पाइसजेट में अपनी हिस्सेदारी बेच दी। अजय सिंह के हटते ही स्पाइसजेट की माली सेहत खराब होने लगी। दिसंबर 2014 में मारन परिवार ने स्पाइसजेट को बंद करने की घोषणा कर दी थी। जनवरी 2015 में कलानिधि मारन ने महज दो रुपये में अपना हिस्सा वापस अजय सिंह को बेच दिया। अजय सिंह के हाथ में आते ही स्पाइसजेट एक बार फिर मुनाफे वाले कंपनी बन गई।

अजय सिंह की पढ़ाई लिखाई दिल्ली के सेंट कोलंबस स्कूल से हुई। उसके बाद उन्होंने आईआईटी दिल्ली से बीटेक किया। वो अमेरिका की कॉर्नेल यूनिवर्सिटी से एमबीए हैं। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से कानून की भी पढ़ाई की है। स्पाइसजेट की स्थापना से पहले अजय सिंह ऑटो सेक्टर और संचार सेक्टर में कई बड़ी कंपनियों में अहम पदों पर रह चुके थे। वो साल 1996 में दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) के बोर्ड में रहे। उन्होंने डीटीसी के कायाकल्प की योजना बनायी। उनके कार्यकाल में डीटीसी बसों की संख्या 300 से 6000 हो गई थी।

भारतीय जनता पार्टी से भी उनका पुराना नाता रहा है। वो अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में सूचना एवं प्रसारण मंत्री रहे प्रमोद महाजन के ओएसडी थे। इस दौरान डीडी स्पोर्ट्स और डीडी न्यूज की शुरुआत में अजय सिंह की अहम भूमिका मानी जाती है। साल 2004 में हुए लोक सभा चुनाव में बीजेपी सत्ता से बाहर हो गयी। माना जाता है कि अजय सिंह फिर भी बीजेपी से जुड़े रहे लेकिन शायद ही कभी वो गैर-कारोबारी वजहों से चर्चा में आए हों। साल 2014 में नरेंद्र मोदी की प्रचार अभियान की कोर टीम में जगह मिलने पर भी वो सुर्खियों में नहीं रहे। लेकिन जब बीजेपी प्रचंड बहुमत से सत्ता में आई तो उसकी जीत में “अबकी बार मोदी सरकार” नारे का भी अहम रोल माना गया। इस नारे के प्रणेता के तौर पर अजय सिंह का नाम सामने आया। हालांकि ये नारा बीजेपी के पुराने नारे “अबकी बारी अटल बिहारी” के आधार पर ही बनाया गया था।

अब अजय सिंह एक बार फिर एनडीटीवी में मालिकाना हक खरीदने को लेकर चर्चा में हैं। इंडियन एक्सप्रेस को सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ये सौदा 600 करोड़ रुपये में हुआ है। एनडीटीवी पर करीब 400 करोड़ का कर्ज है। अजय सिंह एनडीटीवी के 40 प्रतिशत शेयर खरीदेंगे। इस तरह उनके पास मालिकाना हक हो जाएगा। एनडीटीवी के संपादकीय नीति पर भी अजय सिंह का नियंत्रण होगा। एनडीटीवी के प्रमोटर प्रणय रॉय और राधिका रॉय के पास कंपनी के 20 प्रतिशत शेयर रहेंगे। सौदे के बाद करीब 100 करोड़ रुपये नकद रॉय दंपती को मिलेंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *