अपमान से भड़के थाना प्रभारी, कहा- मेरा मुसलमान होना गुनाह है, हम देश के नागरिक नहीं हैं क्या?
देश में इन दिनों हिन्दू-मुस्लिम की सियासत चरम पर है। ऐसे में कई बार लोग जाने-अनजाने अधिकारियों का भी अपमान कर रहे हैं। कुछ इसी तरह का वाकया झारखंड की राजधानी रांची में हुआ, जहां अपमानित किए जाने से थाना प्रभारी भड़क गए। वो चीख-चीखकर थाने में पहुंची भीड़ से पूछने लगे कि क्या मुसलमान होना गुनाह है? क्या हम इस देश के नागरिक नहीं हैं? दरअसल, यह मामला रांची के डोरंडा थाना का है। वहां पांच दिन पहले बीजेपी के एक स्थानीय नेता की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हत्या की वजह छेड़खानी से रोकना था। आरोप है कि शाहबाज नाम के शख्स से धीरज की छेड़खानी रोकने को लेकर लड़ाई हुई थी। शाहबाज अपने साशियों के साथ किसी लड़की को छेड़ रहा था जिसे धीरज ने नाकाम कर दिया था। उस वक्त शाहबाज वहां से चला गया लेकिन मौका पाकर उसने अपने साथियों के साथ मिलकर धीरज की हत्या कर दी।
धीरज की हत्या से गुस्साए स्थानीय लोगों के साथ-साथ बीजेपी समेत दूसरे दलों के नेताओं ने भी थाने का घेराव कर लिया। इसी बीच समझाने के क्रम में किसी ने थानेदार के धर्म को लेकर टिप्पणी कर दी। इससे थाना प्रभारी आबिद खान भड़क उठे। चीख-चीखकर वो वहां मौजूद लोगों से कहने लगे, “क्या मुसलमान होना गुनाह है?” गुस्से में लाल खान ने कहा, “मेरा यही गुनाह है कि मैं मुसलमान हूं। आप लोग जितना कह रहे हैं, हम उतना बर्दाश्त कर रहे हैं। हमें सरकार ने यहां बैठाया है न कि खुद आकर थाने में बेठे हैं।” उन्होंने कहा, “हम इस देश के नागरिक नहीं हैं क्या? कोई नहीं कह सकता कि हम बेईमान हैं या चोर हैं।” बता दें कि हत्या का आरोप शाहबाज के अलावा मोहम्मद अली, आरिफ और चांद अंसारी पर भी है। पुलिस रिकॉर्ड में इन चारों की छवि आपराधिक किस्म की है।
गलत व्यवहार से नाराज थाना प्रभारी ने पूछा, 'सिर्फ मेरा मुसलमान होना गुनाह है'
गलत व्यवहार से नाराज थाना प्रभारी ने पूछा, 'सिर्फ मेरा मुसलमान होना गुनाह है'
Posted by ABP News on Sunday, July 22, 2018