मॉब लिंचिंग के बाद स्वामी अग्निवेश ने कहा: जब सभी पीट रहे थे तब जिंदा बचने की छोड़ दी थी उम्मीद

झारखंड के पाकुड़ में मॉब लिंचिंग का शिकार होने के कुछ दिन बाद स्वामी अग्निवेश ने इस मामले पर खुलकर बात की है। उन्होंने जिला प्रशासन पर आरोप लगाया कि इस मामले में सही कदम नहीं उठाए गए। द क्विंट से बातचीत में स्वामी अग्निवेश ने 17 जुलाई को हुई मारपीट को लेकर बात की। उन्होंने बताया कि किस तरह सैकड़ों लोगों की भीड़ ने उन्हें शिकार बनाया। स्वामी ने कहा, ‘मैं पत्रकारों से बात ही कर रहा था कि कुछ लोगों ने मुझे बताया कि बाहर कुछ एबीवीपी और भारतीय युवा मोर्चा आपके खिलाफ प्रदर्शन करना चाहते हैं, तो मैंने कहा कि उन्हें अंदर बुला लो बातचीत करेंगे और कुछ बात होगी तो हम सुलझा लेंगे, बाहर क्यों खड़े हैं।’

स्वामी ने बताया कि उनके बुलाने पर भी कोई अंदर नहीं आया। उन्होंने कहा, ‘प्रेस कॉन्फ्रेंस खत्म हुई तो मैं चावल-दाल खाकर बाहर निकला ही था तो करीब 100-150 लोगों की भीड़ मेरे पास आने लगी। मैंने उन लोगों के चेहरे को देखा, वे लोग चेहरे पर गुस्सा लेकर और एकदम आक्रामक होकर मेरे पास आ रहे हैं, तो मैंने हाथ जोड़-जोड़कर कहा कि मुझे बताओ तो कि क्या गलती हुई।’ इसके आगे स्वामी ने कहा कि किसी ने उनकी बात नहीं सुनी और उन्हें मारने-पीटने लगे। उनके कपड़े फाड़ने लगे, ढाई फुट गहरे गड्ढे में गिराकर पीटा गया। स्वामी अग्निवेश ने आगे बताया कि करीब 1-2 मिनट तक लोग उन्हें लगातार पीटते रहे और उस वक्त उन्होंने जिंदा बचने की उम्मीद भी छोड़ दी थी।

अग्निवेश ने आरोप लगाया कि मॉब लिंचिंग के मामले पर एफआईआर दर्ज कराने के बाद भी प्रशासन ने कोई एक्शन नहीं लिया। उन्होंने कहा, ‘मुझे बाद में पता चला कि आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया है, लेकिन अगले दिन जब सुबह रांची पहुंचा तो मुझे पता चला कि गिरफ्तारी के दो घंटे बाद ही उन्हें छोड़ दिया गया, कोई कार्रवाई नहीं हुई। यह पूरी घटना योजनाबद्ध थी, प्रायोजित था सबकुछ, फेसलेस मॉब लिंचिंग नहीं थी। बकायदा एक पार्टी विशेष के लोगों का, जो संघ परिवार से जुड़े हुए हैं, उनका अटैक था।’

इसके अलावा उन्होंने मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी स्वामी अग्निवेश ने गुस्सा जाहिर किया। उन्होंने कहा, ‘पहलू खान की हत्या जहां हुई थी, उसी जगह पर अकबर खान की हत्या कर दी, 28 साल के युवक को मार दिया। उसके बच्चों की तस्वीर देखी है, मैं सोच रहा हूं कि कैसे उन बच्चों के बाप को तुम लोग मार सकते हो। ये सब हो रहा है और नरेंद्र मोदी चुप हैं, शरम नहीं आती उनको। दुनियाभर के भाषण झाड़ते हैं, सबसे ज्यादा बोलते हैं और अलग-अलग तरीके से अपना मन की बात अलग है तो मीडिया में अलग…. वो इस मुद्दे पर बोल क्यों नहीं रहे? और अगर बोल रहे हैं तो जवाब क्यों नहीं देते। आज से तीन साल पहले अखलाक को केवल शक के आधार पर उसकी पत्नी और बच्चों के सामने पीट-पीटकर मार डाला। बाद में कहने लगे कि हम उस मांस की जांच कराएंगे। जुमलेबाज प्रधानमंत्री हैं, भारत का दुर्भाग्य है और इस सबको ये हिंदुत्व के नाम पर ढो रहे हैं।’

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