आइआइटी दिल्ली का 2022 तक दुनिया के सौ शीर्ष संस्थानों में शामिल होने का लक्ष्य
मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्रालय की ओर से हाल ही में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) दिल्ली को अन्य पांच संस्थानों के साथ उत्कृष्ट संस्थान का दर्जा दिया गया था। आइआइटी दिल्ली ने भी इस दर्जे को पाते ही तेज गति से अपने लक्ष्य की ओर कार्य करना शुरू कर दिया है। जल्द ही इसके लिए संस्थान एक डीन की नियुक्ति भी करने जा रहा है ताकि उत्कृष्ट संस्थान वाले कार्यों पर अलग से नजर रखी जा सके। आइआइटी दिल्ली के निदेशक प्रोफेसर वी रामगोपाल राव ने सोमवार को बताया कि उत्कृष्ट संस्थानों में शामिल होना हमारे लिए गर्व की बात है। इसके तहत एचआरडी मंत्रालय से संस्थान को पांच साल में 1000 करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता मिलेगी।
प्रोफेसर राव ने बताया कि हमने चार साल में खुद को दुनिया के शीर्ष 100 संस्थानों में शामिल करने का लक्ष्य बनाया है। अभी संस्थान की रैंकिंग 172 है। हमें अभी भी शोध और प्रति शिक्षक परिपत्र प्रकाशन के मामले में सही अंक मिल रहे हैं लेकिन विदेशी शिक्षक और विदेशी छात्रों की कमी की वजह से हमारी रैंकिंग नीचे रह जाती है। इसके लिए हमने तय किया है कि दुनिया के बड़े विश्वविद्यालयों से शिक्षकों और छात्रों के आदान-प्रदान के लिए बातचीत की जाएगी। उन्होंने बताया कि हमारी नजर भारतीय मूल के ऐसे शिक्षकों पर है जो अभी विदेश में पढ़ा रहे हैं और देश आना चाहते हैं। इसके अलावा सार्क और आसियान देशों के शिक्षकों के लिए भी भारत एक अच्छा विकल्प हो सकता है। इसके साथ ही हम विदेशों में जाकर वहां से शिक्षकों की भर्ती की भी कोशिश करेंगे। अभी संस्थान में सिर्फ दो विदेशी शिक्षक हैं।
उन्होंने कहा कि विदेशी छात्रों को संस्थान में लाने के लिए हम ऑस्ट्रेलिया, ताइवान और कनाडा के बड़े विश्वविद्यालयों से समझौता कर रहे हैं और इनके साथ मिलकर संयुक्त पीएचडी कार्यक्रम की शुरुआत करेंगे। प्रोफसर राव ने बताया कि अब जबकि हमें उत्कृष्ट संस्थान का दर्जा मिल गया है तो हम विदेशी छात्रों को भी छात्रवृत्ति दे सकेंगे। पहले हमें ऐसी छूट नहीं थी। इसके अलावा इन छात्रों के लिए अलग से छात्रावास भी बनाया जाएगा। निदेशक के मुताबिक, सरकार से मिलने वाली राशि से आइआइटी दिल्ली शोध की सुविधाओं को और बढ़ाएगा। उन्होंने बताया कि हम एडवांस्ड कंप्यूटेशनल सिस्टम, एडवांस्ड बायोलॉजिकल एंड हेल्थकेयर सिस्टम, सामग्री व उपकरण, ऊर्जा व पर्यावरण, स्मार्ट एंड सस्टेनेबल इंफ्रास्ट्रक्चर आदि पर शोध को बढ़ावा देंगे। आइआइटी में अभी सात उत्कृष्ट केंद्र चल रहे हैं जिनमें 5जी भी शामिल है। संस्थान इसके साथ ही अपना शोध चिकित्सा, आयुर्वेद और कृषि क्षेत्र तक भी ले जाएगा।
डिप्लोमा पाठ्यक्रम भी होंगे शुरू
प्रोफेसर राव ने बताया कि आइआइटी जल्द ही छह महीने व एक साल के डिप्लोमा पाठ्यक्रम भी शुरू करने जा रहा है। ये पाठ्यक्रम विशेष रूप से एआइ, ब्लॉकचैन, इंडस्ट्री 4.0 आदि में होंगे। इन पाठ्यक्रमों की फीस दस लाख रुपए तक होगी जो आम पाठ्यक्रमों के मुकाबले काफी अधिक है।
पीएचडी स्टार्टअप के लिए शुरू होगा इंक्यूबेटर
आइआइटी दिल्ली एक महीने में पीएचडी कर चुके उम्मीदवारों के लिए एक इंक्यूबेटर शुरू करने जा रहा है। इसके लिए पूरे देश से कोई भी पीएचडी धारक आवेदन कर सकता है। वर्तमान में 20 प्रोजेक्ट को इसके तहत मंजूर किया जाएगा। इसमें चुने जाने वाले उम्मीदवारों को 75 हजार से एक लाख रुपए महीने तक की आर्थिक सहायता दी जाएगी। स्टार्टअप शुरू करने के लिए शुरुआती पूंजी और काम करने के लिए आइआइटी परिसर में जगह उपलब्ध कराई जाएगी। इस कार्यक्रम के तहत पांच साल में 100 स्टार्टअप शुरू किए जाएंगे।