संसद में बोले रेल मंत्री, बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के लिए नहीं है पैसे की कमी, भूमि अधिग्रहण में भी अड़चन नहीं
सरकार ने आज कहा कि मुंबई – अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना को पूरा करने में भूमि अधिग्रहण का मुद्दा आड़े नहीं आ रहा है और 2022 तक इस परियोजना को पूरा करने की दिशा में सभी कोशिशें की जा रही हैं। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने आज लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान एक सवाल के जवाब में कहा कि इस परियोजना के लिए विशेष रिण मिला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने धन की कमी नहीं होने दी है। इसके लिये पर्याप्त पैसा है। उन्होंने कहा कि इस परियोजना में प्रौद्योगिकी हस्तांतरण होगा और यह ‘मेक इन इंडिया’ को सफल बनाएगी। मुंबई – अहमदाबाद आर्थिक गलियारा बनेगा। परियोजना से किसानों को भी फायदा मिलेगा। जमीन के लिए सहमति मिलने पर चार गुना की बजाय पांच गुना पैसा दिया जा रहा है।
इस पर, कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुलेट ट्रेन परियोजना पर सवाल उठाते हुए कहा कि 1,10,000 करोड़ रूपये खर्च कर महज 500 किमी लंबी रेल लाइन बनाई जा रही है। इस पैसे में हजारों किमी लंबी रेल पटरी बिछाई जा सकती थी। उन्होंने आरोप लगाया कि इस पर (बुलेट ट्रेन में) आम आदमी यात्रा नहीं करेगा। विमान के किराये से भी ज्यादा चार्ज (भाड़ा) होगा। पहले से मौजूद रेल पटरियों का रखरखाव नहीं हो रहा है। हालांकि, उन्होंने स्वीकार किया कि देश में रेल मार्गों का विद्युतीकरण हो रहा है।
इस पर रेल मंत्री ने कहा, ‘‘ हमारी परियोजना एक साल एक साल पुरानी है। लगभग सभी जगह जमीन मिल जाएगी। महाराष्ट्र और गुजरात सहयोग कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि इसमें 40 साल नहीं लगेगा, इसे समय पर पूरा कर लिया जायेगा, इस दिशा में प्रयास हो रहे हैं । गोयल ने लिखित जवाब में कहा कि भारतीय रेल द्वारा लगभग 4.92 हेक्टेयर भूमि नेशनल आई स्पीड रेल (एनएचआरसीएल) को सौंप दी गई है। इसके अलावा, मुंबई महानगर क्षेत्री विकास परियोजना (एमएमआरडीए) ने मुंबई – अहमदाबाद हाई स्पीड रेल (एमएएचएसआर) परियोजना के लिए बांद्रा कुर्ला कॉम्पलेक्स (बीकेसी) पर 0. 9 हेक्टेयर भूमि सौंपने के लिए अपनी सहमति प्रदान कर दी है।