गौरी लंकेश मर्डर केस: एक और आरोपी की गिरफ्तारी, पहले बना था गवाह

पत्रकार एवं सामाजिक कार्यकर्ता गौरी लंकेश की हत्या की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) ने एक और व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए व्यक्ति के बारे में संदेह है कि उसने गौरी लंकेश की गोली मारकर हत्या करने वाले व्यक्ति को आश्रय दिया था। एसआईटी ने जिस व्यक्ति की गिरफ्तारी की है पहले उसे इस केस में मुख्य गवाह बनाया गया था। एसआईटी की ओर जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि 36 वर्षीय एच एल सुरेश को बुधवार को तुमाकुरू में गिरफ्तार किया गया और उसे अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपालिटन मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

एसआईटी सूत्रों ने दावा किया है कि सुरेश ने परशुराम वाघमारे को आश्रय मुहैया कराया था, जिसने लंकेश की यहां उसके घर के बाहर कथित रूप से गोली मारकर हत्या की थी। स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर (एसपीपी) ने अदालत में कहा कि सुरेश ने हत्या के दौरान संदिग्धों द्वारा इस्तेमाल की गई सामग्री जैसे कि हेलमेट और कपड़ों को नष्ट किया था। बिल्डिंग कॉन्ट्रेक्टर सुरेश एसआईटी के निशाने पर अमोल काले की गिरफ्तारी के बाद आया। इसके साथ ही इस मामले में गिरफ्तार कुल संदिग्धों की संख्या 11 हो गई है। लंकेश हिंदुत्व विरोधी अपने मुखर रूख के लिए जानी जाती थी। पिछले साल 5 सितंबर को उनकी हत्या कर दी गई थी।

बता दें कि अमोल काले की गिरफ्तारी के बाद एसआईटी के सामने इस केस से जुड़ी बहुत सी अन्य जानकारियां सामने आ रही हैं। काले की डायरी से बहुत से चौंका देने वाले खुलासे हुए हैं। डायरी से यह बात सामने आई थी कि न केवल गौरी लंकेश की हत्या करने की योजना बनाई गई थी, बल्कि अन्य 36 लोग भी निशाने पर थे। इन 36 लोगों में से ज्यादातर लोग महाराष्ट्र के हैं, वहीं 10 लोग कर्नाटक से हैं। डायरी से यह भी सामने आया था कि कर्नाटक में जिन लोगों को टारगेट करने की योजना है उन्हें ‘एंटी हिंदू’ कहा गया है।

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