यूपी में भाजपा महिला विधायक ने की पूजा तो ग्रामीणों ने गंगाजल से धुलवाया मंदिर और संगम में ले जाकर,,

यूपी के हमीरपुर की महिला भाजपा विधायक मनीषा अनुरागी के मंदिर में प्रवेश करके पूजा करने से स्थानीय नागरिक नाराज हो गए। नाराजगी इतनी ज्यादा थी कि गंगाजल डलवाकर न सिर्फ पूरे मंदिर को धुलवाया गया ​बल्कि मूर्तियों को भी इलाहाबाद के संगम में ले जाकर स्नान करवाकर दोबारा स्थापित करवाया गया। इस पूरी कवायद के लिए ग्रामीणों का विश्वास जिम्मेदार है, जो मानता है कि इस मंदिर में महिला के प्रवेश करने पर अकाल पड़ता है।

दरअसल, यूपी के विकासखंड राठ के मुस्करा खुर्द गांव में महाभारतकालीन धूम्र ऋषि का आश्रम है। इस आश्रम और मंदिर में उनकी प्रतिमा भी लगी हुई है। मान्यता के मुताबिक, इस मंदिर में महिलाएं प्रवेश नहीं करती हैं। महिलाएं यहां बाहर से ही दर्शन करती हैं। इसके पीछे कारण ये बताया जाता है कि धूम्र ऋषि बाल ब्रह्मचारी थे। स्त्री दर्शन करना उनके लिए अपराध था। इसी मंदिर में बीते 12 जुलाई को राठ विधानसभा क्षेत्र की बीजेपी विधायक मनीषा अनुरागी ने पूजा की थी।

यूपी के राठ के मुस्करा खुर्द गांव में स्थित धूम्र ऋषि का आश्रम। फोटो- संजय द्विवेदी, स्थानीय निवासी।

ये है पूरा वाकया: भाजपा विधायक क्षेत्र में एक स्कूल के कार्यक्रम में शामिल होने आई थीं। इसी दौरान विधायक ने मंदिर में जाकर पूजा-अर्चना भी की। जब ग्रामीणों ने महिला विधायक को मंदिर के भीतर देखा तो हल्ला मच गया। पूरे गांव में अनहोनी की आशंका फैल गई। उनके बीच ये विश्वास है कि धूम्र ऋषि अगर नाराज हो जाएं तो अकाल पड़ जाता है। आनन-फानन में ग्रामीणों ने गंगाजल से पूरा मंदिर धोया। बाद में चंदा करके गांव वाले धूम्र ​ऋषि की मूर्ति को इलाहाबाद के संगम में ले गए और स्नान करवाने के बाद फिर से मंदिर में स्थापित किया।

हमीरपुर से भाजपा विधायक मनीषा अनुरागी। फोटो- फेसबुक

विधायक ने कहा जानकारी नहीं: इस पूरे मामले पर मीडिया से बातचीत में विधायक मनीषा अनुरागी ने सफाई दी कि उन्हें इस मान्यता के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। मुझे सिर्फ प्राचीन मंदिर का पता चला तो मैं वहां पर पूजा—पाठ के लिए चली गई। मेरे जाने के बाद मंदिर को धुलवाया गया हो, मुझे ऐसी कोई सूचना नहीं है।

ग्रामीणों के भय से उठाया कदम: वहीं गांव के प्रधान ओमप्रकाश सिंह ने मीडिया से कहा कि गांव वालों को डर था कि अगर ऋषि क्रोधित हो गए तो वर्षा नहीं होगी। हालांकि मंदिर धुलवाने के बाद तेज बारिश हुई है। इससे ग्रामीणों में यकीन बढ़ा है कि ऋषि अब नाराज नहीं हैं।

कौन हैं धूम्र ऋषि: महाभारत काल में धूम्र ऋषि का जिक्र आता है। वह अत्रि ऋषि के​ शिष्य थे। उन्हें मंत्रों और हवन के माध्यम से वर्षा करवाने की विद्या का ज्ञाता माना जाता था। उनका आश्रम यूपी के राठ के मुस्करा खुर्द गांव में है। जबकि समाधि यूपी के बरेली जिले के धोपा हनुमान मंदिर में मानी जाती है। ग्रामीणों में ये मान्यता है कि धूम्र ऋषि की पूजा करने से बारिश अच्छी होती है।

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