संकट में देश का पहला गौ अभयारण्य! पानी और चारे की भारी कमी, छह महीने से गायों की एंट्री पर है बैन
मध्यप्रदेश सरकार के आगर-मालवा जिले स्थित गायों को संरक्षण एवं आसियाना देने के लिए बने देश के पहले गौ अभयारण्य में पानी एवं चारा की कमी के चलते पिछले छह महीने से नई गायों की एंट्री पर रोक लगाई गई है। कामधेनु गौ-अभयारण्य अनुसंधान और उत्पादन केन्द्र के एक अधिकारी ने आज बताया कि आगरा मालवा जिले की सुसनेर तहसील से 20 किमी दूर सालरिया गांव में 472 हेक्टेयर क्षेत्र में फैले कामधेनु गौ-अभयारण्य अनुसंधान और उत्पादन केन्द्र में इसके उद्घाटन करने के मात्र पांच महीने बाद ही फरवरी 2018 से नये गायों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है, क्योंकि इसमें और गायों के लिए हरे चारे एवं पानी की कमी हो गई है।
उन्होंने कहा कि यह अभयारण्य भाजपा के शासनकाल में ही खोली गई थी और इसमें 24 शेड हैं, जिनमें इसकी क्षमता अनुसार 6,000 आवारा एवं लोगों द्वारा परित्यक्त गायों को रखा जाना था। इन गायों के गोबर एवं गौमूत्र से दवाइयां एवं कीटनाशक बनाई जानी थी। अधिकारी ने कहा कि मौजूदा समय में इसमें 4,120 गायें रखी गयी हैं। उन्होंने कहा कि इस गौ-अभयारण्य में पानी एवं हरे चारे की कमी हो गई है, जिसके चलते फरवरी से इसमें नई गायों को प्रवेश नहीं दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने वहां पर कुएं खोदने शुरू कर दिये हैं। इससे पानी की कमी की समस्या दूर हो जाएगी। अधिकारी ने बताया कि इसके अलावा, गौ-अभयारण्य परिसर में गायों के चरने के लिए हरे चारागाह भी बनाये जा रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘जैसे ही पानी की समस्या दूर होगी, हम इसमें नये गायों को प्रवेश देना शुरू कर देंगे।’’ जब उनसे सवाल किया गया कि क्या पैसे की कमी के चलते नये गायों के प्रवेश पर रोक लगाई गई है, तो इस पर उन्होंने कहा कि गायों के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए गौ-अभराण्य में पर्याप्त राशि है।
गौ-अभयारण्य के अध्यक्ष एवं जिला कलेक्टर अजय गुप्ता ने बताया, ‘‘फंड की कोई कमी नहीं है। गायों के संरक्षण के लिए हमारा महीने का खर्चा 30 लाख रूपये है और यह हमें सरकार से निरंतर मिल रहा है।’