प्रेमी पर रेप का आरोप लगाकर अदालत में पलटने पर कोर्ट ने युवती के खिलाफ केस दर्ज करने का दिया आदेश

दिल्ली में कई महीनों तक लिव-इन में रहने के बाद एक युवती ने अपने प्रेमी पर दुराचार का केस दर्ज करवा दिया। बाद में युवती अदालत में आरोपों से पलट गई। मामले में तीस हजारी कोर्ट ने युवती के खिलाफ केस दर्ज करने के आदेश दिए हैं।

मीडीया रिपोर्ट के अनुसार अदालत ने गत गुरुवार को तिमारपुर थानाध्यक्ष को आदेश दिया कि वह अपनी मर्जी के हिसाब से कानून से खेलने वाली इस युवती के खिलाफ कानूनी कदम उठा कार्रवाई रिपोर्ट पेश करें। तीस हजारी स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रमेश कुमार की अदालत ने पेश मामले में शिकायतकर्ता युवती को सीधेतौर पर कानून के दुरुपयोग का जिम्मेदार ठहराया है। अदालत ने कहा कि युवती पहले समाज की पीड़िता बनकर सामने आई और फिर अचानक पूरे सरकारी तंत्र को ही कठघरे में खड़ा कर दिया। मामले में पीड़िता ने सत्र अदालत के समक्ष कहा कि उसके साथ आरोपी युवक ने बलात्कार नहीं किया है। पीड़िता ने यहां तक कहा कि वह प्राथमिकी दर्ज कराना ही नहीं चाहती थी। लेकिन, पहले पुलिस और फिर मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के समक्ष दर्ज बयान में पीड़िता द्वारा आरोपी युवक पर लगाए गए आरोपों के मद्देनजर सत्र अदालत ने पाया कि पीड़िता कानून का अपने मनमाफिक इस्तेमाल कर रही है। उसके खिलाफ कार्रवाई अनिवार्य है।

फेसबुक पर दोस्ती : पीड़िता व आरोपी के बीच वर्ष 2014 में फेसबुक पर दोस्ती हुई थी। दोनों यूपी के रहने वाले हैं। वर्ष 2016 में पीड़िता दिल्ली में रहने लगी। युवक भी दिल्ली आकर उसके साथ रहने लगा। उसने पीड़िता से शारीरिक संबंध बनाए। इसी वर्ष 9 मार्च को युवती को युवक की सगाई की बात पता चली। इसके बाद उसने 10 मार्च को पुलिस में बलात्कार का मुकदमा दर्ज कराया। लेकिन, अदालत में वह रेप के आरोप से मुकर गई।

अदालत की टिप्पणी
एक तरफ जहां महिलाओं व बच्चियों के साथ यौन शोषण को लेकर पुलिस व जनता संवेदनशील हो रही है। वहीं, इस तरह की घटनाएं पूरे तंत्र में अविश्वास को जन्म दे रही हैं। अगर, इस युवती के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के आदेश नहीं दिए जाएंगे तो इस प्रवृत्ति को अन्य लोग भी अपनाएंगे, जो कानूनी प्रक्रिया के विपरीत है।

कई मामलों में कार्रवाई
झूठे केस पर कार्रवाई : इसी वर्ष अप्रैल में पटियाला हाउस अदालत ने वसंत कुंज थानाक्षेत्र में रेप का झूठा केस कराने पर एक महिला पर केस दर्ज कराने के आदेश दिए थे।

गुस्से में रेप का आरोप : रोहिणी इलाके में निगम कर्मचारी पर एक महिला ने जनवरी 2014 में झूठा मुकदमा दर्ज कराया था। बाद में रोहिणी कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा कि उसने गुस्से में आकर यह झूठा मामला दर्ज कराया था। अदालत ने महिला पर झूठा मुकदमा दर्ज कराने का आदेश दिया था। .

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *