गौरी लंकेश के कातिल को दी गई थी ट्रेनिंग, कहा था- सिर में गोली मारना, जैसे कलबुर्गी को लगी थी!
कर्नाटक की मशहूर पत्रकार गौरी लंकेश हत्याकांड मामले में नया खुलासा है। पत्रकार की हत्या के अभियुक्त परशुराम वाघमारे (26) ने बताया कि कर्नाटक-महाराष्ट्र बॉर्डर के समीप बेलगाम जंगल में कट्टरपंथी हिंदुत्व समूह के सदस्यों ने ट्रेनिंग के वक्त कम से एक शख्स को लंकेश के सिर में गोली मारने को कहा गया था, जैसे कन्नड़ स्कॉलर एमएम कलबुर्गी को गोली लगी थी। 5 सितंबर, 2017 को गौरी लंकेश की उनके आवास के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई। कथित तौर पर लंकेश को गोली मारने वाले शूटर वाघमरे का केस कर्नाटक पुलिस की एसआईटी को सौंपा गया है। वाघमरे ने एसआईटी को बताया कि ट्रेनिंग के वक्त कम से एक ऐसा शख्स भी शामिल था जो कलबुर्गी की हत्या में शामिल था। जांच दल को इसके अलावा यह भी पता चला है कि वाघमरे को ट्रेनिंग देने वाले सीधे तौर पर कलबुर्गी हत्याकांड से जुड़े थे। इससे साफ है कि दोनों हत्याकांड में एक ही विचारधारा वाला समूह शामिल था। 30 अगस्त, 2015 को हुई कलबुर्गी हत्या का रहस्य अभी तक सुलझाया नहीं जा सका है।
कर्नाटक स्टेट फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी की रिपोर्ट के मुताबिक गौरी लंकेश और कलबुर्गी की हत्या 7.65 एमएम कंट्रीमेड गन से ही की गई। 30 मई को एसआईटी द्वारा दायर की गई चार्जशीट में भी इस बात का जिक्र है। कलबुर्गी के धारवाड़ स्थित उनके घर के दरवाजे पर अज्ञात हमलावर ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी थी। गोली सीधे माथे पर मारी गई। वहीं गौरी लंकेश शाम के वक्त अपने घर लौटीं तब एक बंदूकधारी ने चार गोली मारकर उनकी हत्या कर दी। एसआईटी ने हेलमेट पहन लंकेश को गोली मारने वाले आरोपी के रूप में वाघमरे की पहचान की है। जबकि उसका साथी गणेश मिस्किन (27) कुछ दूरी पर उसका इंतजार कर रहा था।
एसआईटी जांच में यह भी पता चला है कि वाघमरे ने गणेश संग फायरआर्म्स की ट्रेनिंग भी ली। इसी ट्रेनिंग में कथित तौर पर राजेश बांगरा के भी शामिल होने का आरोप लगा है। बांगरा एक सरकारी कर्मचारी है और उसके पास दो लाईसेंसी पिस्तौल हैं। आरोप है कि वह हिंदुत्व ग्रुप में शामिल होने वाले युवाओं को हथियार चलाने की ट्रेनिंग दे चुका है। एसआईटी सूत्रों के हवाले से पता चला है कि कड़ी पूछताछ के दौरान वाघमरे ने बताया कि ट्रेनिंग के दौरान उससे कहा गया ‘गोली सिर में मारना’, जैसे कलबुर्गी केस में किया गया। ताकि मौत सुनिश्चित हो जाए।