बंगला तोड़फोड़ मामले की सौंपी गयी जांच रिपोर्ट, अखिलेश यादव पर लग सकता है 10 लाख का जुर्माना

बंगला तोड़फोड़ विवाद में जांच समिति ने पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को सरकारी आवास में तोड़फोड़ के लिए जिम्मेदार ठहराया है और करीब 10 लाख रुपये के नुकसान का अनुमान लगाया है। अधिकारियों ने 266 पन्नों की जांच रिपोर्ट बुधवार (01 अगस्त) को सौंप दी है। सूत्रों के मुताबिक इस रिपोर्ट में 10 लाख रुपये के नुकसान का अनुमान लगाया गया है। इसकी भरपाई के लिए सपा अध्यक्ष को नोटिस भेजा जा सकता है। बता दें कि तोड़फोड़ की खबरें मीडिया में आने के बाद राज्यपाल राम नाईक ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर मामले कीं जांच कराने को कहा था और बंगले में हुई तोड़फोड़ की वीडियोग्राफी कराने को कहा था। इसके बाद राज्य संपत्ति विभाग ने लोक निर्माण विभाग के पांच अधिकारियों की एक जांच समिति बनाई थी। जांच समिति ने पाया है कि चार कालीदास मार्ग स्थित सरकारी बंगले में तोड़फोड़ की गई है। खासकर किचेन, बाथरूम और लॉन की टाइल्स, पाइप, टोंटी उखड़े पाए गए हैं। पीडब्ल्यूडी विभाग के अफसरों ने राज्य संपत्ति विभाग को जांच रिपोर्ट के साथ एक सीडी भी सौंपी है। संपत्ति विभाग ने इसे सीएम ऑफिस भेज दिया है।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने सात मई को यूपी सरकार के उस प्रावधान को खत्म कर दिया था जो पूर्व मुख्यमंत्रियों को आजीवन बंगला देने की सिफारिश करता था। दो जजों की खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा था कि यूपी के सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी बंगला खाली करना होगा। इसके बाद राज्य संपत्ति विभाग ने सभी मुख्यमंत्रियों को बंगला खाली करने का निर्देश दिया था। इसके बाद आठ जून को अखिलेश यादव ने सरकारी बंगला छोड़ दिया था और उसकी चाभी राज्य संपदा विभाग को सौंप दी थी। उसके अगले ही दिन अखिलेश के बंगले में टूट-फूट की खबरें आई थीं।

इस तोड़फोड़ के आरोप पर समाजवादी पार्टी की तरफ से आरोप लगाया गया था कि सीएम योगी आदित्यनाथ के इशारे पर जानबूझकर तोड़फोड़ की गई है ताकि अखिलेश यादव की छवि को नुकसान पहुंचाया जा सके। हालांकि, विवाद बढ़ने पर अखिलेश यादव ने कहा था कि वो टूट-फूट की भरपाई करने को तैयार हैं लेकिन उन्होंने बंगले में किसी तरह की स्वीमिंग पुल होने से इनकार किया था। अखिलेश ने इस कांड के पीछे एक आईएएस अधिकारी को भी जिम्मेदार ठहराया था।

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