ट्रंप प्रशासन ने पाकिस्तान की सहायता राशि 55 करोड़ डॉलर घटाई, पर नियमों में दी बड़ी ढील

अमेरिकी संसद द्वारा पारित रक्षा विधेयक के अनुसार अब पाकिस्तान को अमेरिका से सहायता पाने के लिए आतंकवादी नेटवर्क के खिलाफ कार्रवाई करने की जरूरत नहीं है।
कल पारित इस विधेयक में भले ही पाकिस्तान को मिलने वाली सहायता राशि घटाकर 15 करोड़ डॉलर कर दी गयी है, लेकिन इस धन को पाने के एवज में हक्कानी नेटवर्क और लश्कर-ए-तैयबा के खिलाफ कार्रवाई की पूर्व शर्त भी ट्रंप प्रशासन ने हटा ली है। अमेरिकी कांग्रेस के सीनेट में 2019 वित्त वर्ष के लिए जॉन एस मैक्केन नेशनल डिफेंस अथॉराइजेशन एक्ट (एनटीएए) (रक्षा विधेयक) कल 10 मतों के मुकाबले 87 मतों से पारित कर दिया गया। हाउस आॅफ रिप्रेजेंटेटिव्स ने विधेयक पर पिछले सप्ताह ही मुहर लगा दी थी। अब यह हस्ताक्षर के लिए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पास जायेगा।

पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल में व्हाइट हाउस राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के सदस्य रहे अनीश गोयल ने पीटीआई से कहा, विधेयक में पाकिस्तान को प्रतिपूर्ति के रूप में दी जाने वाली कुल राशि घटाकर 15 करोड़ डॉलर कर दी गयी है। यह पिछले वर्ष मंजूर 70 करोड़ डॉलर के मुकाबले काफी कम है।’’ उन्होंने कहा, हालांकि अब पाकिस्तान को यह धन राशि पाने के लिए हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ कार्रवाई दिखाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

साथ ही पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के लिए भी कोई सहायता नहीं दी जाएगी। गोयल का कहना है, ऐसे में मौजूदा विधेयक पर ट्रंप के हस्ताक्षर के बाद पेंटागन आतंकवादी समूहों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर पाकिस्तान पर दबाव नहीं बना सकेगा। गौरतलब है कि पिछले दिनों अमेरिका ने पाकिस्तान को मिलने वाली सहायता राशि पर बैन लगा दिया था और नियमों का पालन करने पर फिर से बहाली का आश्वासन दिया था।

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