यूपी: 300 आईएएस-आईपीएस अफसरों पर गिरेगी गाज? सीएम योगी आदित्यनाथ के पास पहुंचीं इनकी फाइलें
उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार ने भ्रष्ट नौकरशाहों पर नकेल कसने की पूरी तैयारी कर ली है। सरकार के पास सभी लोगों की फाइल पहुंच चुकी है। सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में करीब 300 भ्रष्ट अफसरों की फाइल की समीक्षा की गई। उनके उपर कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। इस बैठक के बाद संबंधित अधिकारी अलावा एसपी भी डरे हुए हैं। दरअसल, सीएम योगी भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ा रूख अपनाए हुए हैं। उन्होंने एजेंसियों को दो माह के भीतर 400 हाई प्रोफाइल लोगों के खिलाफ कार्रवाई तेज करने का निर्देश दिया है। इनमें राजनेता, आईएएस, आईपीएस, पीसीएस और पीपीएस शामिल हैं। इनमें कुछ अफसरो के खिलाफ आर्थिक भ्रष्टाचार के मामले भी दर्ज हैं। कई के खिलाफ जांच बांकि है। कुछ जांच प्रक्रिया को कई सालों से बढ़ाया जा रहा है। अफसरों के दवाब की वजह से कई फाइलें महीनों से एक ही जगह पड़ी हुई है। सीएम योगी द्वारा की गई बैठक इन्हीं लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने का एक हिस्सा है।
गौर हो कि इससे पहले लखनऊ के शास्त्री भवन में जांच एजेंसियों की काम काज की समीक्षा के दौरान सीएम योगी ने नाराजगी जताई थी। उन्होंने कहा था कि, “नेता हों या अधिकारी, उनके खिलाफ कार्रवाई करने में जांच एजेंसी स्थिलता न बरतें। प्राथमिकता के आधार पर इन मामलों का निपटारा किया जाए। यदि जरूरत हो तो अतिरिक्त कर्मचारियों को इस काम में लगाया जाए।” बता दें कि जांच ऐजेंसियों में करीब 400 से अधिक हाईप्रोफाइल मामले लंबित हैं। इनमें पूर्व मंत्रियों, पूर्व विधायकों के अलावा आईएएस, पीसीएस, आईपीएस व अन्य वर्ग के कर्मचारी भी शामिल हैं।
सीएम योगी का यह कदम जनता के बीच भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों से समझौता न करने के संदेश के रूप में भी देखा जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मेरठ में हुए राशन कार्ड घोटाले में दो अफसरों के खिलाफ कार्रवाई रूकी हुई है। साथ ही तीन अफसरों ेक घर पर आयकर की छापेमारी हुई थी। कुला मिलाकर देखा जाए तो कार्रवाई की जद में 100 से अधिक सिर्फ आईएएस, आईपीएस, पीसीएस और पीपीएस अधिकारी हैं। इनके साथ ही खनन, बिजली और खद्यान विभाग के अफसर भी शामिल हैं।