कांग्रेस नेता बोले- राजीव गांधी ने लाए थे एससी-एसटी एक्ट तो पलटकर बोले केंद्रीय मंत्री, नहीं-नहीं वीपी सिंह ने

गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आज लोकसभा में कहा कि कल ही केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नये अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार निवारण विधेयक को मंजूरी दी है और सरकार इसे वर्तमान सत्र में ही पारित कराना चाहती है। इससे पहले सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खडगे ने सरकार ने अनुसूचित जाति, जनजाति की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये सरकार से संसद के वर्तमान सत्र में नया विधेयक लाने और पारित कराने की मांग की । उन्होंने शून्यकाल में यह मुद्दा उठाते हुए एससी, एसटी अत्याचार निरोधक कानून के प्रावधान को हल्का बनाने के उच्चतम न्यायालय के फैसले के आलोक में सरकार से दलितों की सुरक्षा के लिये कड़े प्रावधान वाला विधेयक पारित कराने की मांग की। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार अलग अलग विषयों पर छह अध्यादेश लेकर आई लेकिन एसएसी, एसटी अत्याचार निवारण के विषय पर अध्यादेश नहीं लाई और चार महीने तक इस विषय पर पहल नहीं की ।

इस पर गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सदस्य ने एससी, एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम के विषय को उठाया है और उन्हें शायद जानकारी हो चुकी है कि कल ही नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल ने नये एससी, एसटी अत्याचार निवारण विधेयक को मंजूरी दी है।  उन्होंने कहा कि सारा देश इस सचाई से अवगत है कि यह स्थिति उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद उत्पन्न हुई है । प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि हम इस संबंध में वैसा ही विधेयक लायेंगे, जैसा कानून था। उन्होंने कहा कि यदि जरूरत हुई उससे भी कड़ा कानून लायेंगे। गृह मंत्री ने कहा, ‘‘ कल ही कैबिनेट ने इससे संबंधित विधेयक को मंजूरी दी है । हम इसी सत्र में विधेयक पारित कराना चाहते हैं । ’’ इससे पहले, मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस विषय को उठाते हुए कहा कि राजीव गांधी के कार्यकाल में 12 सितंबर 1989 को एससी, एसटी अत्याचार निवारण कानून बना था। इस पर केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री वी पी सिंह ने इस बारे में काम किया।

तब, खड़गे ने कहा कि ‘‘वी पी ंिसह का कार्यकाल दिसंबर 1989 से नवंबर 1990 तक था। वी पी सिंह तो हमारे वित्त मंत्री थे। आपने ले लिया ।’’ कांग्रेस नेता ने कहा कि इस विषय पर उच्चतम न्यायालय के फैसले के आलोक में 17 दलों के नेताओं ने 27 मार्च 2018 को राष्ट्रपति से मुलाकात की थी । संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस बारे में पत्र लिखा ।
इससे पहले, कांग्रेस ने इस विषय को प्रश्नकाल में भी उठाने का प्रयास किया । खड़गे ने कहा कि जब सरकार छह अध्यादेश ला सकती है तो इस विषय (दलितों के मुद्दे) पर सातवां अध्यादेश क्यों नहीं ला सकती।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *