योगी के मंत्री बोले- शराब की वजह से अनपढ़ हैं लोग, चीन का बिजनेस लाइसेंस रद्द करो
उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के मंत्री और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने शराब को अशिक्षा की सबसे बड़ी वजह बताते हुए पूरे राज्य में शराबबंदी लागू करने की मांग की। साथ ही उन्होंने भारतीय बाजार में चीनी सामानों की बिक्री पर भी रोक लगाने की मांग की। उनका कहना है कि शराबबंदी लागू होने से प्रदेश में शिक्षा का स्तर बढ़ जाएगा। चीनी सामान की बिक्री बंद होने से देश के करोड़ों युवाओं को रोजगार मिलेगा। शराबंदी को लेकर उन्होंने कहा कि, “बलिया, वाराणसी और आजमगढ़ में शराब के खिलाफ कैंपेन चला। मथुरा में शराब की बिक्री बंद हो गई। हम बिहार और गुजरात की तरह उत्तर प्रदेश में भी पूर्ण शराबबंदी चाहते हैं। एक सर्वे रिपोर्ट के अनुसार, देश के 60 प्रतिशत लोग अशिक्षित हैं। इसके पीछे की एक वजह शराब भी है।”
राजभर सिर्फ शराब तक ही सीमित नहीं रहे। उन्होंने आगे कहा कि, “चीन ने हमारे उपभोक्ता बाजार पर कब्जा कर लिया है। वे पूरे देश में अपना सामान बेच रहे हैं। वे यहां व्यापार करते हैं और उन पैसों से हथियार खरीद भारत को डराते हैं। मुझे विश्वास है कि यदि चीन का व्यापारिक लाइसेंस रद्द हो जाता है तो देश के करोड़ों युवाओं को यहां रोजगार मिल सकता है।” मंत्री ने इसके बाद विवादित बयान देते हुए उत्तर प्रदेश के बंटवारे की मांगी की। कहा कि, “यूपी एक बड़ा प्रदेश है। बिना इसके विभाजन के यहां विकास नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि पूर्वांचल के लोग अलग राज्य की मांग कर रहे हैं। बिना अलग हुए पूर्वांचल का विकास नहीं हो सकता है। यहां अशिक्षा, गरीबी और बेरोजगारी चरम सीमा पर है। इन सभी समस्याओं का सामाधान तभी हो सकता है, जब पूर्वांचल अलग राज्य बने।”
इन्होंने आरक्षण पर कहा कि आबादी के अनुसार आरक्षण मिलना चाहिए। पिछड़ों को पिछड़ा, अति पिछड़ा और सर्वाधिक पिछड़ा में बांटा जाना चाहिए। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को बंगला तोड़फोड़ मामले में 10 लाख रूपये की रिकवरी नोटिस को गलत बताते हुए कहा कि यह राजनीतिक द्वेष से ग्रसित कार्रवाई है। यदि बंगले में किसी तरह का नुकसान किया गया तो पहले ही सर्वे किया जाना चाहिए था। बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब ओमप्रकाश राजभर ने इस तरह का बयान दिया है। वे अक्सर भाजपा विरोधी बयान की वजह से चर्चा में बने रहते हैं।