ओडिशा: विधायक ने पेश की मिसाल, भिखारी के शव को कंधे पर लाद श्मशान पहुंचाया
ओडिशा के बोद्ध जिले में बीते दिनों चतुर्भुज बांका नामक व्यक्ति के अपनी साली के शव को बांधकर शमशान तक ले जाने की तस्वीरें देशभर के मीडिया में खूब छायी थी। इसे लेकर देश और प्रदेश के स्तर पर खूब हंगामा भी हुआ और सरकारों पर निशाना भी साधा गया। लेकिन अब ओडिशा के संबलपुर जिले में कुछ ऐसा हुआ है, जिससे मानवता में लोगों का विश्वास यकीनन बढ़ेगा। दरअसल ओडिशा के रेंगाली इलाके से बीजद विधायक रमेश पटउा ने शुक्रवार को दूसरे लोगों के लिए उदाहरण पेश किया और एक भिखारी महिला के शव का ना सिर्फ कंधा दिया बल्कि पूरे विधि-विधान से उसका अंतिम संस्कार भी कराया।
न्यू इंडियन एक्सप्रेस की एक खबर के अनुसार, संबलपुर के कोलाबीरा ब्लॉक के आमनापाली इलाके में एक 80 वर्षीय महिला की मौत हो गई। महिला अपने 50 वर्षीय जीजा के साथ एक फूस के मकान में रहती थी और दोनों बुजुर्ग भीख मांगकर अपनी आजीविका चलाते थे। महिला को स्थानीय लोग घुडकेन और महिला के जीजा को घुडका के नाम से जानते थे। दरअसल दोनों लोग ओडिशा के जाने-माने वाद्य यंत्र घुडका बजाकर भीख मांगते थे। यही वजह थी कि लोग दोनों को घुडका और घुडकेन के नाम से जानते थे। गुरुवार को जब बुजुर्ग महिला की मौत हो गई तो उसके साथ रहने वाले व्यक्ति के पास इतने पैसे नहीं थे कि वह उसका अंतिम संस्कार कर चुके।
वहीं स्थानीय लोग भी बुजुर्ग महिला के अंतिम संस्कार के लिए आगे नहीं आए। इसी बीच बीजद विधायक रमेश पटउा इलाके में मौजूद थे और उन्हें भिखारी महिला की मौत की खबर मिली और यह भी जानकारी मिली कि कोई व्यक्ति इस बुजुर्ग महिला के अंतिम संस्कार के लिए आगे नहीं आ रहा है। इस पर विधायक ने अपने बेटे और भांजे समेत कुछ परिजनों को बुलाया और मौके पर पहुंचकर महिला के अंतिम संस्कार का इंतजाम किया। विधायक रमेश पटउा ने महिला के शव को कंधा दिया और अंतिम संस्कार कराया। विधायक ने बताया कि जब वह गांव पहुंचे तो कोई भी व्यक्ति महिला के अंतिम संस्कार के लिए तैयार नहीं हुआ। लोगों का कहना था कि यदि वह भिखारी महिला के शरीर को छुएंगे तो उनकी जाति समाज से उन्हें बहिष्कृत कर दिया जाएगा। इसके बाद विधायक ने खुद ही महिला के शव का अंतिम संस्कार करने का फैसला किया। विधायक का कहना है कि ‘उन्होंने यह काम मानवता के नाते और लोगों की सेवा करने के मकसद से किया है।’