एक फोन एप और 5 करोड़ वोटर्स के डेटाबेस के जरिए जीते इमरान खान?

बस कुछ ही दिनों की बात है पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ के चेयरमैन इमरान खान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री होंगे। 14 अगस्त को उनके शपथ लेने की चर्चाएं हैं। इमरान खान की जीत पर तरह तरह के कयास लगाये जा रहे हैं। इस बारे में साजिशें भले ही कुछ कही जा रही हो, लेकिन हम आपको इमरान की जीत में तकनीक के योगदान को बताने जा रहे हैं। इमरान खान की जीत में एक फोन एप और 5 करोड़ वोटरों के डेटाबेस का अहम योगदान रहा। पीटीआई ने इस एप के जरिये वोटरों को टारगेट किया, और मतदान के दिन उन्हें मोबलाइज कर बूथ सेंटर पर पहुंचने में मदद की। समाचार एजेंसी रायटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक 25 जुलाई को होने वाले मतदान से पहले पीटीआई के कर्ता-धर्ता इस प्लान को लेकर चुप्पी साधे थे, वे नहीं चाहते थे कि इस प्लान की जानकारी विपक्षी पार्टियों को हो, क्योंकि विपक्षी पार्टी इस प्लान को कॉपी कर सकती थीं।

इस एप को कॉस्टीट्यूएंसी मैनेजमेंट सिस्टम का नाम दिया गया था। आमिर मुगल को इस एप और डेटाबेस के इस्तेमाल का उत्तरदायित्व दिया गया था। आमिर मुगल कहते हैं इसका बहुत बड़ा असर देखने को मिला। इस एप में किसी भी वोटर का नंबर डालने पर उसके बारे में सारी सूचना मिल सकती थी, जैसे कि उसका पता, उसके घर में कितने वोटर्स हैं, इत्यादि। इसके जरिये पीटीआई नेता मतदाताओं को टारगेट कर सकते थे। बता दें कि चुनाव से पहले इमरान खान ने सभी पीटीआई कैंडिडेट को व्हाट्सएप के जरिये वीडियो संदेश भेजा था और उन्हें सीएमएस अपनाने को कहा था। इमरान ने कहा था, “मैंने इसे देखा है और महसूस किया है कि ये कैसे काम करता है, मैं इसे पांचों संसदीय क्षेत्र में इस्तेमाल कर रहा हूं, जितनी जल्दी आप इसका इस्तेमाल करेंगे उतनी जल्दी ही आपकी जिंदगी आसान हो जाएगी।” पाकिस्तान में जैसे जैसे चुनाव प्रचार ने रफ्तार पकड़ी पीटीआई कैंडिडेट के लिए ये एप महत्वपूर्ण होता गया। इस एप को अमेरिका में रहने वाले दो पाकिस्तानी मुस्लिमों ने बनाया है। पाकिस्तान में मतदान के दिन इस एप पर कुल दो करोड़ सर्च किये गये थे।

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