पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा बोले- ममता बनर्जी हो सकती हैं पीएम कैंडिडेट, ऐतराज नहीं!

पूर्व प्रधानमंत्री और जनता दल सेक्यूलर (जेडीएस) के अध्यक्ष एच डी देवगौड़ा ने कहा है कि 2019 के आम चुनावों में वो तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के विपक्षी मोर्चा की तरफ से पीएम उम्मीदवार बनने के खिलाफ नहीं हैं। उन्होंने कहा कि जब इंदिरा गांधी 17 साल तक प्रधानमंत्री रह सकती हैं तो ममता बनर्जी या मायावती क्यों नहीं? देवगौड़ा ने कहा कि ममता बनर्जी गैर भाजपा दलों खासकर सभी क्षेत्रीय दलों को एकजुट करने की सराहनीय कोशिश कर रही हैं। बता दें कि 85 वर्षीय देवगौड़ा का यह बयान तब आया है जब इस तरह की खबरें आईं कि कांग्रेस के साथ-साथ सभी विपक्षी दलों ने चुनाव पूर्व प्रधानमंत्री उम्मीदवारी पर चर्चा करना छोड़ दिया है क्योंकि ऐसा करने से विपक्षी मोर्चे को लोकसभा चुनावों में हार का अंदेशा है।

एक दिन पहले ही कांग्रेस सूत्रों की तरफ से यह कहा गया था कि पार्टी ऐसे किसी भी शख्स का पीएम उम्मीदवार के तौर पर विरोध नहीं करेगी जिसका संबंध भाजपा या संघ से नहीं रहा हो। बता दें कि कांग्रेस फिलहाल भाजपा को हराने और सरकार बनाने से रोकने के एजेंडे पर काम कर रही है। इस लिहाज से वो किसी भी ऐसे बीजेपी विरोधी छवि को समर्थन दे सकती है। दो महीने पहले ही कांग्रेस ने कर्नाटक में जेडीएस को समर्थन देकर बीजेपी की सरकार गिरा दी। देवगौड़ा ने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले थर्ड फ्रंट की बात अभी कच्ची पहेली लगती है। हालांकि, उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी एक फेडरल फ्रंट बनाने की जी तोड़ कोशिश कर रही हैं। देवगौड़ा ने ममता की इस कोशिश की प्रशंसा भी की।

बता दें कि 1996 में एचडी देवगौड़ा जनता दल की अगुलाई वाली यूनाइटेड फ्रंट (थर्ड फ्रंट) की तरफ से प्रधानमंत्री बने थे लेकिन सालभर में ही उन्हें कुर्सी छोड़नी पड़ी थी। इनके बाद इन्दर कुमार गुजराल देश के प्रधानमंत्री बने थे। देवगौड़ा ने कहा कि वो कभी भी महिला विरोधी नहीं रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनके प्रधानमंत्री काल में ही 1996 में संसद में महिला आरक्षण बिल लाया गया था। उन्होंने कहा कि तमाम क्षेत्रीय दल बीजेपी विरोध में एकजुट होने को तैयार हैं क्योंकि देश में मौजूदा वक्त में भय का माहौल है। पूर्व पीएम ने कहा कि देश के कई हिस्सों खासकर यूपी, बिहार और गुजरात में अल्पसंख्यक समुदाय के बीच खौफ का वातावरण है। लिहाजा, 2019 में बीजेपी को हराने के लिए समान विचारधारा वाले दलों का गठबंधन आवश्यक हो गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *