संसद में कबूलनामा: 24 लाख पद खाली फिर भी भर्तियां नहीं कर रही सरकार, भटक रहे बेरोजगार!
देशभर में इस वक्त 24 लाख से भी ज्यादा सरकारी नौकरियों के पद खाली हैं लेकिन केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के साथ-साथ कई राज्य सरकारें इन खाली पदों पर भर्तियां नहीं कर रही हैं, जबकि देशभर के बेरोजगार युवक नौकरी की तलाश में दर-दर भटक रहे हैं। संसद में केंद्र सरकार द्वारा पेश किए गए आंकड़ों के मुताबिक सबसे ज्यादा शिक्षकों के पद खाली हैं। इनमें प्राथमिक शिक्षकों के खाली पदों की संख्या 9 लाख है जबकि माध्यमिक शिक्षकों के करीब 1.1 लाख पद खाली हैं। अगर इसमें केंद्र सरकार द्वारा वित्तपोषित सर्व शिक्षा अभियान के तहत चल रहे स्कूलों में खाली पदों को जोड़ दिया जाय तो इसकी संख्या और बढ़ जाएगी।
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक वैकेंसी के मामले में दूसरे नंबर पर पुलिस विभाग है। देशभर में करीब 5.4 लाख पुलिसकर्मियों के पद खाली हैं। इसके अलावा डिफेंस सर्विसेज और पैरामिलिटरी फोर्सेज में करीब 1.2 लाख से अधिक पद रिक्त हैं। 27 मार्च को लोकसभा में दिए गए सरकार के एक जवाब के मुताबिक सिविल और डिस्ट्रिक आर्म्ड पुलिस में 4.4 लाख पद खाली हैं। स्टेट आर्म्ड पुलिस में भी 90 हजार पद खाली हैं। संसद को दोनों सदनों में एक सवाल के जवाब में सरकार की तरफ से बताया गया कि डिफेंस सर्विसेज 61 हजार पद और पैरामिलिटरी फोर्सेज में 62 हजार पद खाली हैं।
देशभर की अदालतों में भी करीब 58,000 पद खाली हैं। इनके अलावा स्वास्थ्य विभागों में भी करीब 1.6 लाख पद खाली हैं। इनमें 16,000 पद डॉक्टरों और स्पेशलिस्ट के हैं। भारत सरकार के तहत आने वाले डाक विभाग में भी करीब 54,000 पद खाली हैं। रेलवे में अराजपत्रित पदों पर करीब 2.5 लाख वैकेंसी है लेकिन सरकार की तरफ से इस साल फरवरी में मात्र 89,000 पदों को भरने का ही नोटिफिकेशन जारी किया गया है। ऐसे में सवाल यह उठ रहे हैं कि अगर इतने बड़े पैमाने पर सरकारी विभागों में पद खाली हैं तो सरकार क्यों नहीं भर्ती कर रही है? क्यों हरेक भर्ती पर रोक लगी हुई है?