चोकसी के प्रत्यर्पण के लिए एंटीगुआ को सौंपा आवेदन, नागरिकता मामले में सेबी भी थमाएगा नोटिस
भारत ने भगोड़े कारोबारी मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण के लिए एंटीगुआ से अनुरोध किया है। चोकसी के पास इस कैरेबियाई राष्ट्र की नागरिकता है। विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, एक भारतीय दल को कुछ दिन पहले एंटीगुआ भेजा गया। भारतीय दल ने शनिवार को वहां अधिकारियों को चोकसी के प्रत्यर्पण का आवेदन दिया। इस बीच, बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने चोकसी को नागरिकता देने के मामले में एंटीगुआ को नोटिस भेजने का फैसला किया है। भारतीय दल ने शनिवार को वहां विदेश मंत्रालय के अधिकारियों से मुलाकात की और चोकसी को भारत प्रत्यर्पित करने के लिए आवेदन सौंपा। चोकसी पंजाब नेशनल बैंक में 13000 करोड़ रुपए से ज्यादा के घोटाले के कथित मास्टरमाइंड में से एक है। वह इस घोटाले के प्रमुख आरोपी व भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी का रिश्तेदार भी है।
देश के सबसे बड़े घोटाले में से एक की जांच कर रही सीबीआइ और ईडी ने चोकसी को वांछित घोषित कर रखा है। चोकसी के नागरिकता अनुरोध को रोकने के संबंध में भारत द्वारा प्रतिकूल रिपोर्ट ना देने पर एंटीगुआ के अधिकारियों ने नवंबर 2017 में उसे वहां की नागरिकता दे दी थी। सीबीआइ ने भी विदेश मंत्रालय को चोकसी के प्रत्यर्पण के लिए अपना अनुरोध भेजा था। चोकसी इस साल चार जनवरी को भारत से भाग गया था और उसने 15 जनवरी को एंटीगुआ में शरण ली थी। इस बीच, बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने चोकसी को नागरिकता देने के मामले में एंटीगुआ को नोटिस भेजने का फैसला किया है।
सेबी दो सूचीबद्ध कंपनियों गीतांजलि जेम्स और पंजाब नेशनल बैंक के संबंध में कुछ ब्रोकरों समेत मेहुल चोकसी-नीरव मोदी और इनसे जुड़े लोगों द्वारा पूंजी बाजार नियमनों के कथित उल्लंघन की जांच कर रहा है। इससे पहले शुक्रवार को सेबी ने स्पष्ट कर दिया था कि उसने एंटीगुआ के ‘निवेश के बदले नागरिकता प्राधिकरण’ को भगोड़े कारोबारी मेहुल चोकसी के बारे में कभी भी क्लीनचिट रिपोर्ट नहीं दी है। एंटीगुआ की मीडिया में पिछले सप्ताह खबरें थीं जिनमें वहां के ‘निवेश के बदले नागरिकता इकाई’ (सीआइयू) ने दावा किया था कि चोकसी को वहां की नागरिकता भारत की पुलिस, पासपोर्ट कार्यालय और सेबी समेत विभिन्न भारतीय प्राधिकरणों से अनापत्ति रपट मिलने के बाद दी गई है। सेबी ने सीआइयू के दावे को खारिज करते हुए कहा था कि एंटीगुआ के सीआइयू से किसी भी जांच की जानकारी कभी मांगी नहीं गई और न ही सेबी ने ऐसी कोई जानकारी सीआइयू को दी है।
- विदेश मंत्रालय के अधिकारियों की टीम ने एंटीगुआ के प्रशासन को सौंपे दस्तावेज
- चोकसी ने एंटीगुआ की ‘निवेश के बदले नागरिकता’ योजना के तहत ली नागरिकता
- एंटीगुआ प्रशासन के इस दावे को सेबी ने गलत बताया कि उसने चोकसी के बारे में क्लीन चिट दी थी
- एंटीगुआ ने दावा किया था कि भारतीय पुलिस, पासपोर्ट दफ्तर और अन्य जांच एजंसियों ने चोकसी को लेकर कोई आपत्ति नहीं की थी
- विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया था कि चोकसी को एंटीगुआ की नागरिकता दिए जाते वक्त उसके खिलाफ कोई आरोप दर्ज नहीं था