बंगले में तोड़फोड़ किसने की? पता लगाने वाले को अखिलेश यादव देंगे 11 लाख रुपये

पूर्व मुख्यमंत्री के तौर पर आबंटित सरकारी बंगले में अवैध निर्माण और तोड़फोड़ कराने के आरोपों से घिरे सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रविवार (5 अगस्त) को तोड़फोड़ के जिम्मेदार लोगों पर 11 लाख रुपये का इनाम घोषित किया। अखिलेश ने ‘छोटे लोहिया‘ के नाम से मशहूर रहे समाजवादी नेता जनेश्वर मिश्र की जयन्ती पर लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम में कहा कि 4 विक्रमादित्य मार्ग पर स्थित उनके सरकारी बंगला खाली करने के बाद रात में कुछ लोग हथौड़े और कुदाल लेकर वहां गये थे। उन्होंने कहा ‘‘जिस तरह पुलिस इनाम घोषित करती है…हम पत्रकार साथियों से कहेंगे कि उस रात कुछ चैनल के लोग भी कैमरा लेकर वहां गये थे। आप तोड़फोड़ करने वालों के नाम बता दो, हम समाजवादी लोग दो-दो हजार रुपये इकट्ठा करके 11 लाख रुपये का इनाम दे देंगे।‘‘ बता दें कि अखिलेश को पूर्व मुख्यमंत्री के तौर पर लखनऊ में आबंटित किया गया बंगला उच्चतम न्यायालय के एक आदेश के अनुपालन में खाली कराया गया था। उसके बाद उसमें तोड़फोड़ की तस्वीरें सामने आयी थीं। इसे लेकर अखिलेश पर आरोप लगाये गये थे।

लोकनिर्माण विभाग द्वारा हाल में पेश की गयी जांच रिपोर्ट में बंगले में करीब साढ़े चार करोड़ रुपये का अवैध निर्माण कराये जाने का जिक्र किया गया है। हालांकि सपा ने इन आरोपों को गलत बताते हुए इसे अखिलेश को बदनाम करने की साजिश करार दिया है। अखिलेश ने कहा कि बंगले में तोड़फोड़ का जो आरोप लगाया जा रहा है। वह योगी सरकार की एक साजिश के अलावा और कुछ नहीं है। अखिलेश ने कहा कि उनके मकान में कोई भी अवैध निर्माण नहीं हुआ था। जो भी निर्माण हुए थे, उन सबकी एनओसी अभी भी उनके पास है। सपा ने बाद में कई दस्तावेज जारी किये। इनमें एलडीए की ओर से मकान के नक्शे को स्वीकृति देने के दस्तावेज भी शामिल थे। दस्तावेज के मुताबिक एलडीए ने 28 नवंबर 2015 को बंगले में गेस्ट रुम से लेकर सिक्यारिटी और वेटिंग हॉल, जिम एरिया, कोर्ट यार्ड के निर्माण की मंजूरी दी थी। सपा का कहना है कि बंगले में जो भी निर्माण हुए एलडीए की मंजूरी के बाद ही हुए। पूर्व सीएम ने दावा किया कि बंगला खाली करने के बाद कुछ लोग हथौड़ा लेकर उनके द्वारा खाली किए गए आवास में गए थे, ताकि सपा की छवि खराब की जा सके।

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