हिन्दू वोट बैंक को और मजबूत करेगी भाजपा! मंदिरों और आश्रमों का डेटा कर रही इकट्ठा
अपने हिंदू वोट बैंक को मजबूत करने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उत्तर प्रदेश में धार्मिक स्थलों के डेटा इकट्ठा करने शुरू किए हैं। इसमें बूथ लेवल पर मठ, मंदिरों और आश्रम का डेटा इकट्ठा किया जा रहा है। इसके अलावा पार्टी 2019 के लोकसभा चुनाव में जाति और धार्मिक समीकरणों की रणनीति बनाने के लिए अनुसूचित जाति (एससी) और ओबीसी आबादी पर भी काम कर रही है। भाजपा की राज्य ईकाई ने बूथ लेवल के 1.4 लाख इंचार्ज को ‘समर्थक फॉर्म’ भेजा है और धार्मिक स्थानों की जानकारी मांगी है। उनके नाम मांगे हैं। धार्मिक स्थल कहां है, ये भी पूछा गया है। धार्मिक स्थलों के पुजारियों के नाम और उनके मोबाइल नंबर भी मांगे गए हैं। सूत्रों के मुताबिक पार्टी का मकसद धार्मिक स्थलों के प्रमुखों के जरिए उनके समर्थकों तक पहुंचना है।
बूथ स्तर पर पार्टी नेताओं द्वारा मांगी गई जानकारी में इलाके के एससी और ओबीसी सदस्यों की भी जानकारी मांगी गई है। चूंकि पार्टी ने अनिवार्य रूप से कहा है कि हर बूथ कमेटी में दो एससी सदस्यों के साथ दो महिला भी जरूरी रूप से होनी चाहिए। हर इलाके के प्रभावशाली व्यक्ति के बारे में भी जानकारी मांगी गई है। बूथ स्तरों के कार्यकर्ताओं से ऐसे लोगों के नाम और फोन नंबर व उनके पेशे की जानकारी देने कहा है। बता दें कि उत्तर प्रदेश में करीब 1.6 लाख पोलिंग बूथ हैं। इस बार बीजेपी ने अपनी बूथ समितियों को फिर से बनाना शुरू किया है। इसके मुताबिक हर बूथ पर 21 सदस्य होने चाहिए। इसमें एक अध्यक्ष, दो उपाध्यक्ष, एक महासचिव और बूथ लेवल के एजेंट शामिल होंगे।
राज्य में भाजपा के उपाध्यक्ष जीपीएस राठौड़ ने बताया कि बूथ सिलेक्शन कमेटी 16 अगस्त से शुरू होगी जो 25 अगस्त तक चलेगी। उन्होंने बताया कि इसमें मैनेजमेंट कमेटी करीब 29 लाख समर्पित कार्यकर्ताओं की एक टीम तैयार करेगी। राज्य में 40 कार्यकर्ताओं की लक्ष्य को पूरा करने के लिए 11 लाख जिला स्तर और ब्लॉक स्तर के कार्यकर्ता तैयार किए जाएंगे। ये सभी लोग भाजपा की केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं के बीच सरकार की योजना को लोकप्रिय बनाने का काम करेंगे।