दिल्ली में स्वतंत्रता दिवस समारोह में तबाही मचाने के लिए ग्रेनेड ले जा रहा आतंकी हुआ गिरफ्तार
जम्मू कश्मीर पुलिस ने आज दावा किया कि उसने एक आतंकवादी को गिरफ्तार कर दिल्ली में स्वतंत्रता दिवस समारोह में खलल डालने के अंसार गजवत उल हिन्द आतंकी संगठन के प्रयास को विफल कर दिया है। गजवत उल हिन्द आतंकी संगठन अलकायदा से जुड़ा है। पुलिस महानिरीक्षक (जम्मू) एस डी एस जामवाल ने यहां संवाददाताओं को बताया कि दक्षिण कश्मीर के डांगेरपुरा-अवंतीपुरा निवासी इरफान हुसैन वानी को कल जम्मू शहर के गांधीनगर इलाके से गिरफ्तार किया गया। उन्होंने बताया कि पुलिस के एक दस्ते ने उसे चत्री प्वाइंट पर संदिग्ध परिस्थितियों में घूमते देखा। जब उसकी तलाशी ली गई तो उसके बैग से आठ ग्रेनेड मिले। उसे तत्काल हिरासत में ले लिया गया और पूछताछ की गई। जामवाल ने कहा, ‘‘वह (वानी) ग्रेनेड का जखीरा किसी को सौंपने दिल्ली जा रहा था। ग्रेनेडों का इस्तेमाल स्वतंत्रता दिवस समारोह में खलल डालने के लिए किया जाना था।’’ उन्होंने बताया कि उसके पास से 60 हजार रुपये भी मिले।
जम्मू पुलिस के प्रमुख ने बताया कि पूछताछ के दौरान 25 वर्षीय वानी ने खुलासा किया कि वह आतंकी जाकिर मूसा के नेतृत्व वाले अंसार गजवत उल हिन्द से जुड़ा है। उसने यह भी बताया कि वह इस संगठन के दूसरे नंबर के आतंकी रेहान के संपर्क में था। उन्होंने कहा, ‘‘बी ए की पढ़ाई बीच में छोड़ने वाला और कट्टरपंथ का शिकार हुआ आतंकी पिछले एक साल से आतंकवाद में सक्रिय था। उसकी गिरफ्तारी से दिल्ली में और जम्मू के कई हिस्सों में स्वतंत्रता दिवस समारोह में खलल डालने का एक बड़ा प्रयास विफल हो गया है।
आतंकी की गिरफ्तारी को एक ‘‘बड़ी सफलता’’ करार देते हुए पुलिस महानिरीक्षक ने कहा कि यह जम्मू में स्वतंत्रता दिवस समारोह का आयोजन शांतिपूर्ण तरीके से सुनिश्चित करने के लिए पुलिस द्वारा उठाए गए मजबूत सुरक्षा उपायों का परिणाम है।
पुलिस महानिरीक्षक ने कहा कि आतंकवादी से पूछताछ जारी है। उन्होंने कहा कि इससे अधिक नहीं बताया जा सकता क्योंकि इससे जांच पर असर पड़ सकता है।
उन्होंने कहा कि वे सभी पहलुओं की जांच कर रहे हैं और अधिक सूचना के लिए उसके मोबाइल की भी पड़ताल की जा रही है। इस बीच, दिल्ली पुलिस ने कहा कि वह आरोपी से पूछताछ करेगी। दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ की एक टीम जम्मू में है। पुलिस महानिरीक्षक ने एक सवाल के जवाब में कहा कि वानी दिल्ली जाने वाली बस में सवार नहीं था और जिस समय सतर्क पुलिसर्किमयों ने उसे पकड़ा, वह पैदल ही था।
उन्होंने बताया कि वानी को ग्रेनेडों की खेप कश्मीर में मिली थी और वह इसे दिल्ली में किसी को सौंपने की योजना बना रहा था। उन्होंने कहा कि सुरक्षा में कोई खामी नहीं थी।
जामवाल ने कहा, ‘‘उसकी गिरफ्तारी मजबूत सुरक्षा इंतजामों का परिणाम है।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या अंसार गजवत उल हिन्द के आतंकवादी की गिरफ्तारी दिल्ली या जम्मू में सिलसिलेवार विस्फोट करने की आतंकवादियों की योजना के बारे में खुफिया अलर्ट से जुड़ी है, उन्होंने कहा, ‘‘हो सकता है कि यह उसका हिस्सा हो, लेकिन हमने उच्च सतर्कता कायम रखी है और बड़ी सफलता उसी सतर्कता का परिणाम है।’’ जम्मू बस अड्डे पर 24 मई को हुए ग्रेनेड हमले के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह एक अलग घटना थी और यह इस गिरफ्तारी से नहीं जुड़ी है।
इस हमले में दो पुलिसकर्मी और एक अन्य व्यक्ति घायल हो गया था। जामवाल ने कहा, ‘‘हम पहले ही मामले को सुलझा चुके हैं और आरोपी को गिरफ्तार कर चुके हैं। हम इस पर अलग से ब्यौरा साझा करेंगे।’’ जम्मू में आतंकी ठिकाने और स्लीपर सेल के बारे में उन्होंने कहा, ‘‘जांच जारी है और एक बार ठोस जानकारी मिल जाने पर हम इसे साझा करेंगे।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या अमरनाथ यात्रा अनुच्छेद 35 ए के समर्थन में कश्मीर घाटी में अलगाववादियों की हड़ताल की वजह से स्थगित की गई है, जामवाल ने कहा कि वार्षिक तीर्थयात्रा पिछले एक महीने से अधिक समय से जारी है और अब तीर्थयात्रियों की संख्या में कमी आ गई है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे प्रशासनिक प्रबंधों के अनुसार तीर्थयात्रियों की संख्या बढ़ने पर यात्रा शुरू कर दी जाएगी।’