उत्तराखंड में भारी बारिश ने जमकर ढाया कहर, छह लोग मलबे में दबकर मरे, कई सड़क मार्ग हुए बंद
उत्तराखंड में सोमवार को भारी बारिश ने जमकर कहर ढाया। कई इलाकों से नुकसान और हादसों की खबर आई है। पिथौरागढ़ जिले के रामसूबा में भूस्खलन के कारण पांच मकान क्षतिग्रस्त हो गए और आधा दर्जन लोग घायल हो गए। एक दर्जन परिवारों को राहत शिविरों में पहुंचाया गया है। वहीं जिले में मौसम खराब होने की वजह से कैलाश मानसरोवर यात्रा से लौट रहे करीबन 200 तीर्थयात्री विभिन्न स्थानों पर फंसे हुए हैं। पिथौरागढ़ जिले के ही 14 सड़कमार्ग भू-स्खलन के कारण बंद पडेÞ हैं। पिथौरागढ़ जिले में ही 16 राहत शिविरों में 83 परिवारों के करीब तीन सौ लोग रह रहे हैं।
राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक विक्रम सिंह चौहान ने बताया कि उत्तराखंड में सबसे ज्यादा बारिश देहरादून में 125 मिलीमीटर हुई। देहरादून के कई इलाकों में पानी भर गया और कई खेत बह गए। चौहान के मुताबिक, अगले 48 घंटों में उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों-उत्तरकाशी और चमोली में भारी बारिश की आशंका है। मौसम विज्ञान केंद्र ने बारिश को लेकर चेतावनी जारी कर दी है। ऋषिकेश-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग डाबरकोट के पास पहाड़ से मलबा और पत्थर आने के कारण बंद पड़ा है। यमुनोत्री क्षेत्र में जंगलचट्टी के पास भारी बारिश के चलते यमुना नदी के पास बनी सुरक्षा दीवार बह गई है। बीते दो दिनों में भारी बारिश के कारण अलग-अलग घटनाओं में मलबे में दबकर छह लोग मौत का शिकार हो गए हैं।
देहरादून जिले के गौहरी माफी ऋषिकेश में सौंग नदी में बाढ़ आ जाने के कारण आसपास के गांवों में पानी भर गया है। जिस कारण डेढ़ सौ परिवारों को माध्यमिक विद्यालय रायवाला में सहायता कैंप में रखा गया है। डोईवाला क्षेत्र के बडकली-दुधली और खट्टा पानी में सुसवा नदी का जलस्तर बढने से घरों और खेतों में पानी भर गया है। देहरादून जिले में ग्रामीण क्षेत्रों 28 सड़क मार्ग, 2 राजमार्ग और एक मुख्य जिला मार्ग पर मलबा आ जाने के कारण बंद पडा है। चमोली में 37 मोटरमार्ग मलबा आ जाने के कारण बंद पड़े हैं। टिहरी जिले में 30, रुद्रप्रयाग जिले में 12, पौड़ी जिले में 44, अल्मोडा, बागेश्वर और चंपावत जिलों में 7-7, नैनीताल जिले में 12 सड़क मार्ग बंद पडे हैं।
सबसे ज्यादा खराब हालात देहरादून जिले के रायवाला क्षेत्र के गौहरीमाफी गांव के हैं। देहरादून के जिलाधिकारी एसए मुरुगेशन ने बताया कि बाढ़ में फंसे लोगों को राहत शिविरों में सुरक्षित पहुंचाया गया है। रायवाला के गौहरीमाफी में आई बाढ़ में पिछले तीन दिनों से फंसे लोगों को एसडीआरएफ की टीम ने सुरक्षित बाहर निकाला। एसडीआरएफ ने उन लोगों को बचाकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है जिन लोगों के घरों में पानी भर गया था। हालांकि अभी भी 400 परिवार ऐसे हैं जो दो नदियों के बीच में फंसे हुए हैं। प्रशासन द्वारा गांव को बचाने के लिए प्रयास किए जा रहे है। बाढ़ में फंसे लोगों ने बताया कि वे पिछले तीन दिनों से बाढ़ में फंसे हुए थे। खाद्य सामग्री तबाह हो चुकी है।
बाढ़ में फंसे लोगों को बचाने के लिए चलाए गए अभियान में वन विभाग, जन-प्रतिनिधि और स्थानीय ग्रामीण भी आगे आए और उन्होंने भी टीम के साथ मिलकर लोगों को बाहर निकलवाया। स्थानीय ग्रामीणों में प्रशासन के खिलाफ काफी आक्रोश है। स्थानीय निवासी जगत सिंह रावत का कहना है कि अगर समय रहते गौहरीमाफी में बाढ़ सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कर दिए जाते तो आज ग्रामीणों को इस समस्या का सामना नहीं करना पड़ता। पिछले तीन दिन से 400 परिवारों का संपर्क कटा हुआ है। 48 घंटे से लगातार हो रही बारिश के कारण लगभग गोहरीमाफी गांव में पानी भर गया। जल स्तर बढ़ने के कारण एनडीआरएफ की टीम को वापस लौटना पड़ा। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सूबे के सभी जिलाधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में होने वाली बरसात पर नजर रखने और राहत और बचाव कार्य तेजी से चलाने के निर्देश दिए हैं। इस बीच आपातकालीन परिचालन केंद्र ने मौसम विभाग के और बारिश होने के पूर्वानुमान के मद्देनजर प्रशासन को अलर्ट रहने को कहा है और पहाड़ों के अलावा मैदानों में भी निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को पर्याप्त एहतियात बरतने को कहा है।