धमकी से परेशान किन्नर एक्टिविस्ट ने लिया देश छोड़ने का फैसला, स्विट्जरलैंड ने नहीं दी शरण
तमिलनाडु के चेन्नई शहर में एक किन्नर थियेटर एक्टिविस्ट को देश छोड़ने का फैसला करना पड़ा। लिविंग स्माइल विद्या उर्फ स्माइली ने यह फैसला उन धमकियों से परेशान होकर लिया था, जो उन्हें जातिवाद और ब्राह्मणवाद के खिलाफ आवाज उठाने को लेकर मिल रही थीं। 36 वर्षीय एक्टिविस्ट चेन्नई मूल की जानी-मानी एक्ट्रेस, असिस्टेंट डायरेक्टर और लेखिका हैं। वह इसके अलावा कई पुरस्कार भी जीत चुकी हैं। समय-समय पर वह किन्नरों के अधिकारों व जातिवाद के खिलाफ लगातार अपने विचार भी मुखरता से रखती हैं।
देश छोड़ने का फैसला करने के बाद स्माइली ने स्विजरलैंड जाने के बारे में सोचा था। 25 अप्रैल को उन्होंने वहां शरण लेने के लिए आवेदन दिया। मगर 23 जुलाई को उनकी अर्जी खारिज कर दी गई। स्माइली ने इस मसले को लेकर एक फेसबुक लाइव भी किया था। उन्होंने उसमें बताया, “स्विजरलैंड की सरकार ने कहा कि भारत ट्रांसजेंडर्स के लिए बेहद सुरक्षित देश है। हमारे यहां चार हजार साल पुरानी हिंजड़ों की संस्कृति जीवित हैं और यहां उनका सम्मान किया जाता है। ऐसे में यह ट्रांसजेंडर्स के लिए ला ला लैंड जैसा है।”
बकौल स्माइली, “स्विज सरकार ने कहा था- मैं पढ़ी-लिखी हूं। अंग्रेजी भी जानती हूं, लिहाजा मुझे भारत में नौकरी मिलने में भी दिक्कत नहीं आएगी। वे बोले- आप अमेरिका और लंदन भी जा चुकी हैं। ऑटोबायोग्राफी भी लिख चुकी हैं, जिस पर फिल्म भी बनी है। आप सेलिब्रिटी जैसी मशहूर हैं। भारत और तमिलनाडु सरकार आप पर फक्र करती है। ऐसे में आप असाइलम जाने के लायक नहीं हैं।”
स्थानीय मीडिया से बातचीत के दौरान किन्नर थियेटर एक्टिविस्ट ने बताया कि स्विज सरकार द्वारा भारत को लेकर कही गई बातें हकीकत से कोसों दूर हैं। ऐसे में उन्होंने स्टेट सेकेट्रिएट फॉर माइग्रेशन (एसईएम) के फैसले के खिलाफ एक कोर्ट में अपील दाखिल की है।
क्यों जाना चाहती हैं बाहर?: स्माइली लंबे समय से लोगों निगाह में रही हैं। प्रमुख कारण- उनके मुखर विचार हैं। चाहे वे ट्रांसजेंडर्स को लेकर हों या फिर गोपूजा का मसला। आरोप है कि इन्हीं सब के कारण 2014-15 से उन्हें धमकियां मिल रही हैं। साल 2015 में सड़क हादसे का शिकार भी हो चुकी हैं, जिसके कारण वह दो दिन तक सदमे में रही थीं। स्माइली को उस हादसे में कुछ चोटें भी आई थीं, जिसके बाद धमकी भरी कॉल में उन्हें बताया गया था कि वह हादसा पूर्व नियोजित था। ऐसे में स्माइली खुद को भारत में महफूज नहीं समझतीं।