रिपब्लिक टीवी पर दावा, सियाचिन में सेना हटाने के लिए मनमोहन ने पाकिस्तान से किया था समझौता

दुनिया की सबसे ऊंचे जंगी स्‍थान, सियाचिन से सेना हटाने के एक प्रस्‍ताव पर भारत-पाकिस्‍तान की सरकारें साल 2006 में बातचीत कर रही थी। पूर्व विदेश सचिव श्‍याम सरन की आने वाली किताब के हवाले से रिपब्लिक टीवी ने यह दावा किया है। चैनल ने दावा किया कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्‍व वाली यूपीए-1 सरकार 2006 में इस प्रस्‍ताव पर पाकिस्‍तान सरकार से बात कर रही थी कि सियाचिन सीमा से दोनों देश आपसी सहमति से अपने-अपने सैनिक हटा लेंगे। रिपब्लिक टीवी पर पूर्व विदेश सचिव ने दावा किया है कि इस योजना के समर्थन में तत्‍कालीन सेना प्रमुख जनरल जेजे सिंह, सेना अधिकारी और संबंधित खुफिया एजेंसियां थीं। रिपब्लिक टीवी ने दावा किया कि न सिर्फ सेना इसके पक्ष में थी, बल्कि अपने सेना प्रमुख पाकिस्‍तानी सेना प्रमुख के संपर्क में थे।

हालांकि रिपब्लिक टीवी पर ही पूर्व सेना प्रमुख जेजे सिंह और पूर्व कैबिनेट मंत्री नटवर सिंह ने श्‍याम सरन के दावे को खारिज कर दिया। सिंह ने कहा कि भारतीय सेना इसके पक्ष में नहीं थी। उन्‍होंने कहा, ”जहां तक इस मामले का सवाल है, हमने जानें दीं हैं, बॉर्डर ही हमारी रोटी-रोटी है और यह एक चुनौती है। हमने कभी ये नहीं कहा कि हम वहां तकलीफ में हैं इसलिए बाहर आना चाहते हैं। दूसरी तरफ, पाकिस्‍तान आर्मी को दिक्‍कत हो रही है क्‍योंकि हमने अपने आपने सियाचिन ग्‍लेशियर की चुनौतियों से एडजस्‍ट कर लिया है। हमारे पास ऊंची पहाड़‍ियों पर जंग लड़ने वाले कई जवान हैं।”

इस पूरे खुलासे पर पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह ने कहा, ”हमारे यहां पाकिस्‍तानी व्‍यवस्‍था नहीं हैं, सेना वहीं करती है जो नागरिक सरकार उससे कहती है, बस। इसके अलावा कोई रास्‍ता नहीं है और अगर वह ऐसा कुछ कर भी रहे थे तो सरकार के निर्देश जरूर रहे होंगे। पाकिस्‍तान की तरह नहीं, जहां वे (सेना) अपना खुद का शो चलाते हैं। यही भारतीय लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत है।”

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