देवरियाः शेल्टर होम खोलने वाले दंपती ने बनाई खूब संपत्ति, 8 साल में बदल गई किस्मत

बिहार के मुजफ्फरपुर बालिका गृह में 34 बच्चियों के साथ रेप का खुलासा होने के बाद उत्तर प्रदेश के देवरिया स्थित मां विंध्यवासिनी महिला और बालिका संरक्षण गृह में भी कुछ इस तरह की वारदात होने का मामला सामने आया है। यहां कुछ लड़कियों के गायब होने और कुछ लड़कियों के साथ यौन शोषण होने का खुलासा हुआ है। पुलिस द्वारा सोमवार को सेक्स रैकेट के शक में शेल्टर होम से 24 लड़कियों को निकालने के बाद से ही यह बालिका संरक्षण गृह चर्चा में बना हुआ है।
देवरिया रेलवे स्टेशन के बेहद करीब स्थित इस शेल्टर होम को पहले स्थानीय लोग केवल एक साधारण सी बिल्डिंग के तौर पर देखते थे, लेकिन जब पुलिस ने यहां छापेमारी की और इसकी संचालिका गिरिजा, उसके पति मोहन समेत 5 लोगों को अरेस्ट किया, उसके बाद से ही यह शेल्टर होम देवरिया में चर्चा का विषय बना हुआ है। हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक शेल्टर होम के करीब रहने वाले लोगों का कहना है कि उन्हें कभी भी इस बात का शक नहीं हुआ कि यहां इस तरह का कोई काम होता होगा।
शेल्टर होम के पास रहने वाले लोगों का कहना है कि पुलिस अक्सर ही बच्चियों को शेल्टर होम में छोड़कर जाती थी, इसलिए कभी किसी बात का शक ही नहीं हुआ। एक स्थानीय निवासी का कहना है, ‘पुलिस अक्सर ही आना-जाना करती थी, इसलिए इस बात पर विश्वास करना कि यहां ऐसा कुछ हो रहा था मुश्किल है।’ इसके अलावा शेल्टर होम के करीब रहने वाले कुछ लोगों का कहना है कि आठ साल पहले आरोपी गिरिजा ने एनजीओ का रजिस्ट्रेशन कर शेल्टर होम खोला था, उसके बाद से उसने काफी संपत्ति बनाई है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक शेल्टर होम खोलने से पहले गिरिजा सिलाई और कढ़ाई केंद्र चलाती थी, लेकिन अब उसके पास काफी संपत्ति हो गई है और खुद का फ्लैट भी है। शेल्टर होम के पास राशन की दुकान लगाने वाले एक व्यक्ति का कहना है, ‘जब उसने एनजीओ पंजीकृत करके शेल्टर होम खोला, उसके दिन रातोंरात बदल गए। उसने खूब संपत्ति बनाई और राजनेताओं और वीआईपी लोगों से भी अच्छे रिश्ते बनाए।’ खैर गिरिजा का कहना है कि उसके ऊपर लगे सारे आरोप गलत हैं। इस मामले में एडीएम ने कहा है कि सभी पक्षों की जांच की जाएगी।