अमेरिका में 71 वर्षीय स‍िख को लात मार गिराया और चेहरे पर थूका

अमेरिका के कैलिफोर्निया में दो अज्ञात व्यक्तियों ने 71 वर्षीय एक सिख व्यक्ति पर हमला किया और उन पर थूका। करीब एक सप्ताह के भीतर एक समुदाय विशेष के सदस्य पर यह दूसरा हमला है जिससे देश में घृणा अपराधों की बढ़ रही घटनाओं को लेकर चिंता बढ़ गयी है। एक निगरानी कैमरे में नजर आ रहा है कि साहिब सिंह नट कैलिफोर्निया के मंटेका में तड़के एक सड़क के किनारे टहल रहे हैं। उसी समय दो व्यक्ति विपरीत दिशा से उनकी तरफ आए। दृश्य में नजर आ रहा है कि नट दोनों लोगों को देख कर रुक जाते हैं और दोनों लोग उनसे बातचीत करने लगते है। इसके बाद सिंह आगे बढ़ जाते हैं लेकिन वे लगातार उनका पीछा करते हैं और उनसे बात करते हैं। कुछ देर की नोंकझोंक के बाद काले रंग का हुड पहने एक व्यक्ति ने अचानक उनके पेट में लात मारी और बुजुर्ग व्यक्ति सड़क पर गिर गये और उनकी पगड़ी खुल गयी। उन्होंने खड़ा होने और खुद का बचाव करने का प्रयास किया लेकिन व्यक्ति ने फिर से उनके पेट में लात मारी। नट सड़क पर गिर गये जिसके बाद हमला करने वाला व्यक्ति उनके पास आया और उनका चेहरा छूने लगा और उन पर थूक दिया। इसके बाद वे नट को सड़क पर पड़ा छोड़कर चले गये। कैलिफोर्निया में एक सप्ताह के भीतर एक सिख व्यक्ति पर यह दूसरा हमला है। 31 जुलाई को 50 वर्षीय सुरजीत महली पर हमला किया गया था।

गौरतलब है कि पिछले दिनों भी सिख पर हमले की खबर आई थी। अमेरिका में दो श्वेत व्यक्तियों द्वारा घात लगाकर किये गए हमले और मारपीट के शिकार 50 वर्षीय एक सिख ने कहा, ‘‘मेरी पगड़ी ने मुझे बचा लिया’’। हमलावरों ने उस पर नस्ली टिप्पणी भी की। सुरजीत सिंह माल्ही ने कहा कि वह कैलिफोर्निया में अपने घर के पास अमेरिकी प्रतिनिधि जेफ डेनहम के लिये राजनीतिक सामग्री चिपका रहे थे जो बतौर रिपब्लिकन उम्मीदवार फिर से चुनाव मैदान में खड़े हैं। इसी दौरान दो आदमी आए और उन्होंने चिल्लाते हुए नस्ली टिप्पणी की कि ‘‘तुम्हारा यहां स्वागत नहीं है, अपने देश वापस जाओ।

न्यूयॉर्क टाइम्स ने कल माल्ही को उद्धृत करते हुए कहा, ‘‘मेरी पगड़ी ने वास्तव में मुझे बचाया।’’ उन्होंने कहा कि उनकी पगड़ी ने ‘‘हेलमेट की तरह, या उससे भी ज्यादा मजबूती की तरह काम किया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘दो आदमी मेरे पीछे आए टोकने लगे। उन्होंने मेरी आंख में रेत झोंक दी जिससे मैं उन्हें न देख सकूं।’’ उन्होंने मेरा सिर पकड़ा और छड़ी और बेल्ट से मेरी पिटाई कर दी। माल्ही ने बताया, ‘‘जिस तरह से वे मुझे मार रहे थे (मुझे लगा) हो सकता था मैं मर जाता। कह रहे थे तुम यहां के नहीं हो।’’ माल्ही 1992 में अमेरिका से भारत आए थे और अब वहां के स्थायी निवासी हैं। वह पगड़ी पहनते हैं और हो सकता है कि यह कारण हो कि उन्हें निशाना बनाया गया, लेकिन इससे उनकी जान भी बच गई। डेप्यूटी रॉयजिंदर सिंह  ने कहा, ‘‘एक मात्र कारण (हमले का) जो हम बता सकते हैं, वह यह कि उन्होंने पगड़ी पहन रखी थी और वह मध्य पूर्वी थे। यही एक मात्र कारण है कि उन्होंने उन पर हमला किया।’’ केसीआरए चैनल टीवी की खबर के मुताबिक, माल्ही ने कहा कि सबकुछ बेहद तेजी से हुआ। वह हमलावरों को अच्छे से देख नहीं पाए, लेकिन जांचकर्ताओं को बताया कि वे दो लोग थे जिन्होंने काली टी-शर्ट पहन रखी थी।

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