झारखंड: मोदी सरकार ने जहां से लांच किया था DBT, योजना वहीं हुई फेल

पुडुचेरी और चंडीगढ़ में नाकाम होने के बाद पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम (पीडीएस) में लागू हुई महत्वपूर्ण योजना डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर (डीबीटी) अब रांची के नगड़ी ब्लॉक में फेल हो गई है। बुधवार को झारखंड सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार की महत्वकांक्षी स्कीम को बंद करने की घोषणा की है। जानकारी के मुताबिक अब पहले की तरह ही खाद्यान्न वितरण किया जाएगा। रांची के नगड़ी प्रखंड में पायलट प्रोजेक्ट के तहत खाद्यान्न वितरण में डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर योजना का लागू किया गया था। खास बात यह है कि नगड़ी ही देश का पहला प्रखंड था जहां डीबीटी के जरिए अनाज वितरण का काम शुरू किया गया था। बाद में राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को इसमें होने वाली परेशानियों की जानकारी दी और फिलहाल के लिए इस योजना को बंद करने की मंजूरी मांगी। अब केंद्र ने सरकार के इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। मामले में खाद्य, सार्वजनिक वितरण और उपभोक्ता विभाग के अपर सचिव विनय कुमार ने बताया कि रांची के उपायुक्त को इसकी सूचना दे दी गई है। उन्हें भारत सरकार और राज्य सरकार के बीच हुए पत्राचार की जानकारी देते हुए बताया कि नगड़ी में डीबीटी को बंद करने के अनुरोध को केंद्र ने मान लिया है।

जानकारी के लिए बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2 अक्टूबर, 2017 को खाद्यान्न में डीबीटी योजना शुरू करने की घोषणा की थी। पायलट प्रोजेक्ट के तहत योजना को सबसे पहले झारखंड के नगड़ी में लागू किया गया। इसमें तय हुआ कि खाद्या लाभ लेने वालों के बैंक खातों में इसकी सब्सिडी की राशि डा दी जाए। योजना का लाभ लेने वाला उस पैसे से अनाज खरीद कर रशीद जमा करेगा। अगर कोई शख्स रशीद जमान नहीं करता है तो आगे उसे इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा। योजना लागू होने के बाद इसमें शामिल लोगों के खातों में 1000 रुपए डालने शुरूर किए गए। मगर कई कारणों से लोग अनाज नहीं खरीदते थे, जिसके चलते सरकार ने डीबीटी को इस योजना में बंद करने का फैसला लिया।

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