हार पर छलका सोनिया गांधी का दर्द, बोलीं- कई बार हम जीतते हैं तो कई बार हार भी जाते हैं
संसद के उच्च सदन यानी राज्यसभा के उप सभापति का चुनाव परिणाम भाजपा नेतृत्व वाले एनडीए के पक्ष में आया है। इसमें एनडीए प्रत्याशी हरिवंश ने कांग्रेस नेतृत्व वाले यूपीए उम्मीदवार को हराकर जीत हासिल की है। चुनाव में हरिवंश को 125 जबकि यूपीए उम्मीदवार हरिप्रसाद को 105 वोट मिले है। आजाद भारत के इतिहास में ऐसा तीसरी बार हुआ गैर कांग्रेसी उम्मीदवार ने इस पद पर जीत हासिल की हो। 1972-74 के बीच यह पद संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के गोड़े मुरहरि के पास था। 1974-77 तक भी वहीं इस पद पर बने रहे। खास बात यह है कि पिछले चालीस सालों के इतिहास में राज्यसभा का उप सभापति पद कांग्रेस के ही पास रहा था। मगर हरिवंश के हाथों हार से कांग्रेस का विजय अभियान रुक गया। खुद कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष और यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने इस हार पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है, ‘कई बार हम जीतते हैं तो कई बार हार भी जाते हैं।’
बता दें कि उपसभापति पद पर निर्वाचित हुए हरिवंश सामाजिक सरोकार की पत्रकारिता से जुड़े रहे हैं और राजनीति में वह जयप्रकाश नारायण के आदर्शों से प्रेरित है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनकी जीत पर बधाई दी है। उन्होंने कहा, ‘समाज-कारण’ से जुड़े रहे और ‘राज-कारण’ से दूर रहे हैं। यूपी के बलिया जिले के सिताबदियारा गांव में 30 जून, 1956 को जन्मे हरिवंश को जयप्रकाश नारायण (जेपी) ने सबसे ज्यादा प्रभावित किया। उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में एमए और पत्रकारिता में डिप्लोमा की पढ़ाई की। पढ़ाई के दौरान ही मुंबई में उनका ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ समूह में प्रशिक्षु पत्रकार के रूप में 1977-78 में चयन हुआ। वह टाइम्स समूह की साप्ताहिक पत्रिका ‘धर्मयुग’ में 1981 तक उपसंपादक रहे।
उन्होंने 1981-84 तक हैदराबाद और पटना में बैंक ऑफ इंडिया में नौकरी की। 1984 में उन्होंने पत्रकारिता में वापसी की और 1989 अक्तूबर तक आनंद बाजार पत्रिका समूह से प्रकाशित ‘रविवार’ साप्ताहिक पत्रिका में सहायक संपादक रहे। हरिवंश ने 1990-91 के कुछ महीनों तक तत्कालीन प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के अतिरिक्त सूचना सलाहकार (संयुक्त सचिव) के रूप में प्रधानमंत्री कार्यालय में भी काम किया।
ढाई दशक से अधिक समय तक वह ‘प्रभात खबर’ के प्रधान संपादक रहे हरिवंश को नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड ने राज्यसभा में भेजा। उन्हें बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू के अध्यक्ष नीतीश कुमार का बेहद करीबी माना जाता है।