थाईलैंड की अदालत ने बलात्कार के आरोपी बौद्ध भिक्षु को अमेरिका से वापस ला दी 114 साल जेल की सजा
थाईलैंड की एक अदालत ने अमेरिका से प्रत्यर्पण के एक साल से अधिक समय बाद आज एक पूर्व बौद्ध भिक्षु को 114 साल की जेल की सजा सुनाई। विराफोन सुकफोन 2013 में उस समय सुर्खियों में आया था जब उसकी एक निजी जेट पर डिजाइनर एविटर चश्मा पहने और लुई वीटॉन का बैग लिए एक फुटेज सामने आई थी। 39 वर्षीय सुकफोन अमेरिका भाग गया था लेकिन नाबालिग से बलात्कार करने और दानदाताओं को धोखा देने के आरोपों के बाद उसे वापस भेजा गया। दानदाताओं ने दुनिया की सबसे बड़ी बौद्ध प्रतिमा बनाने के लिए उसे धन दिया था। जांच में पता चला कि उसने लग्जरी कारें खरीद रखी है और उसके कई बैंक खातों में 7,00,000 डॉलर की धनराशि है।
बैंकॉक की एक अदालत के एक अधिकारी ने बताया कि सुकफोन को धन शोधन, धोखाधड़ी, आॅनलाइन चंदा जुटाने के लिए कम्प्यूटर क्राइम एक्ट का उल्लंघन करने का दोषी पाया गया। अधिकारी ने कहा, ‘‘न्यायाधीशों ने उसे दोषी ठहराया और 114 साल की जेल की सजा सुनाई।’’ थाईलैंड के कानून के अनुसार सुकफोन 20 साल से ज्यादा की सजा नहीं काटेगा। उसे 29 दानदाताओं के 8,61,700 डॉलर भी लौटाने होंगे। एक सरकारी अभियोजक ने बताया कि बलात्कार के मामले पर फैसला अक्तूबर में आने की संभावना है।
इससे पहले खबर आई थी कि थाईलैंड के कानून के अनुसार सुकफोन 20 साल से ज्यादा की सजा नहीं काटेगा। उसे 29 दानदाताओं के 8,61,700 डॉलर भी लौटाने होंगे।लेकिन आरोपों के चलते अब इस भिक्षु को 114 साल की सजा सुना दी गई है। गौरतलब है कि तीन पहले ही 51 वर्षीय जेचेंग पर यौन शोषण के आरोप लगे हैं। जेचेंग चीन में एक प्रसिद्ध धार्मिक व्यक्ति है। उनकी कई किताबे छप चुकी हैं। कई पत्र-पत्रिकाओं के उनके रोजाना लेख छपते हैं। यहीं नहीं सोशल मीडिया पर उनकी काफी बड़ी फैन फॉलोइंग है। चीन में लगभग 250 मिलियन लोग बौद्ध धर्म के अनुयायी है। ऐसे में किसी बड़े बौद्ध भिक्षु पर ऐसे आरोप लगना एक बड़ा शर्मनाक माना जा रहा है। जेचेंग का नाम मीटू कैंपेन में भी आ चुका है।