छह गोलियां खा कर भी होश में रहा ये हिस्ट्रीशीटर और पुलिस को बताई वारदात की पूरी कहानी
राजस्थान का सीकर जिला एक बार फिर से गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंज उठा है। गुरुवार (9 अगस्त) की रात गैंगस्टर राजू ठेहट गैंग के हिस्ट्रीशीटर मनोज ओला पर जमकर फायरिंग की गई। इस फायरिंग में ओला को 6 गोलियां लगी हैं। 6 गोलियां लगने के बाद भी ओला पूरी तरह होश में था और पुलिस से बातें कर रहा था। उसे जयपुर के अस्पताल में पुलिस ने इलाज के लिए भर्ती करवाया है। यहां उसकी हालत फिलहाल खतरे से बाहर है। जबकि सीकर पुलिस अब फायरिंग करने वालों को तलाश रही है।
बताया गया कि मनोज ओला, शाम 6.30 बजे आरके मार्ट शोरूम के बाहर खड़ा था। इसी बीच आॅल्टो कार में सवार दो लोग उसके पास आए। उन्होंने मनोज ओला से हाथ मिलाया और उसका नाम पूछा। नाम पूछने के बाद दूसरे शख्स ने ओला का हाथ पकड़ लिया। जबकि अंदर बैठे शख्स ने उस पर फायर करना शुरू कर दिया। ओला को छाती में दो गोलियां लगीं जबकि 4 गोलियां उसकी टांगों में लगीं। फायरिंग की आवाज सुनकर लोग दौड़े तो हमलावर भाग गए। लोग उसे उठाकर अस्पताल ले गए। जहां से प्राथमिक उपचार के बाद उसे जयपुर रेफर कर दिया गया। यहां उसकी हालत के बारे में जानने के लिए जयपुर रेंज के आईजी वीके सिंह भी पहुंचे थे।
सीकर पुलिस के सूत्रों ने मीडीया को बताया, कुख्यात हिस्ट्रीशीटर मनोज ओला, सीकर जिले के सदर थाना क्षेत्र के गांव ओला की ढाणी का रहने वाला है। ओला राजू ठेहट गैंग का सदस्य है। राजू ठेहट, मोहन मांडेता व ओमा ठेहट के जेल जाने के बाद मनोज ओला ही गैंग को चला रहा है। ओला को कुख्यात अपराधी आनंदपाल सिंह के एनकाउंटर का जिम्मेदार भी माना जाता है। आनंदपाल के एनकाउंटर के बाद सुभाष बराल ने उसके गैंग की कमान संभाली थी। अब सुभाष बराल मनोज ओला को अपना सबसे बड़ा दुश्मन मानता है।
बताया जाता है कि पुलिस एनकाउंटर से बचने के लिए आनंद पाल और बलबीर बानूड़ा बीकानेर जेल में बंद थे। लेकिन मनोज ने हनुमान नाम के बदमाश से मिलकर जेल के भीतर हथियार पहुंचाए थे। बाद में बीकानेर जेल में धुआंधार फायरिंग हुई, जिसमें बलबीर बानूड़ा मारा गया लेकिन आनंदपाल सिंह बच गया था। सुभाष बराल इसी घटना का बदला लेने की फिराक में था। इससे पहले भी वह राजू ठेहट के कई शूटरों को अपना निशाना बनाता रहा है।