बच्ची से बलात्कार के मामले पर बोले केजरीवाल, केंद्र और उपराज्यपाल को सख्ती करने की जरूरत

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने विधानसभा क्षेत्र में नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) के तहत आने वाले एक स्कूल में एक बच्ची से बलात्कार की घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा है कि अब वक्त आ गया है जब केंद्र सरकार और उपराज्यपाल को ज्यादा सख्ती करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ साल से राजधानी में इस प्रकार की घटनाओं में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है। इन पर काबू करने का जिम्मा दिल्ली पुलिस का है जोकि केंद्र सरकार और उपराज्यपाल के अधीन काम करती है।

विधानसभा परिसर में शुक्रवार को संवाददाताओं से बातचीत में मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि इस मामले में केंद्र सरकार व उपराज्यपाल को ध्यान देना चाहिए और ज्यादा सख्ती दिखानी चाहिए क्योंकि राजधानी में कानून-व्यवस्था का मामला सीधे केंद्र सरकार के अधीन आता है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने राजधानी में डेढ़ लाख सीसीटीवी कैमरे लगाने का फैसला किया है और इससे अपराध पर रोक लगाने में मदद मिलेगी। साथ ही अपराधियों के मन में भय रहेगा कि कैमरे में उनकी गतिविधियां कैद हो जाएंगी और वे पकड़े जाएंगे।

स्कूल का जूनियर इंजीनियर बर्खास्त, चार निलंबित

एनडीएमसी के गोल मार्केट के एक सरकारी स्कूल में बच्ची के साथ बलात्कार के मामले में कार्रवाई करते हुए एनडीएमसी ने जूनियर इंजीनियर सौरभ बिष्ट को बर्खास्त कर दिया है। सौरभ बिष्ट आरोपी राम आसरे का सुपरवाइजर था। वहीं आरोपी समेत स्कूल की प्रधानाचार्य, स्कूल के शिक्षक और एक एग्जीक्यूटिव इंजीनियर को निलंबित कर दिया गया है। एनडीएमसी के एक अधिकारी ने कहा कि इनके खिलाफ छानबीन की जा रही है। दोषी पाए जाने वाले अधिकारी और कर्मचारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
एनडीएमसी के उपनिदेशक के मुताबिक, ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोप में सौरभ बिष्ट के खिलाफ यह कदम उठाया गया है। अगर उन्होंने सतर्कता बरती होती तो स्कूल परिसर में राम आसरे इस वारदात को अंजाम नहीं दे पाता। अधिकारी ने बताया कि राम आसरे और सौरभ दोनों ही अनुबंध पर काम कर रहे थे। सौरभ साल 2010 में नियुक्त किए गए थे और 2014 में उन्हें पांच साल का सेवा विस्तार दिया गया था।

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