सड़क हादसे में हुई पत्नी की मौत पर एमएसीटी ने दिया परिजन को 1.22 करोड़ रूपये का मुआवजा देने का आदेश
मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (एमएसीटी) ने 2014 में हरियाणा में सड़क दुर्घटना में मारे गए एक कारोबारी के परिजन को 1.22 करोड़ रूपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है। एमएसीटी के पीठासीन अधिकारी अमित बंसल ने दुर्घटना के लिए जिम्मेदार वाहन के बीमाकर्ता इफको-टोक्यो जनरल इंश्यारेंस कंपनी लिमिटेड को मृतक के परिवार को 1,22,44,374 रूपये भुगतान करने का निर्देश दिया। इसमें 89,05,000 रूपये मुआवजा और 33,39,374 रूपये ब्याज है। न्यायाधिकरण ने दिल्ली निवासी राजेश जैन के परिवार को मुआवजा प्रदान करने का आदेश दिया।
अपनी फैक्टरी से लौटते वक्त पांच जनवरी 2014 को जैन दुर्घटना का शिकार हो गए थे। जैन की पत्नी की शिकायत के मुताबिक हरियाणा के समलखा में एक ट्रक ने उनकी कार को पीछे से टक्कर मार दी। न्यायाधिकरण ने कहा कि दोनों पक्षों की बहस और रिकार्ड पर रखे गए सबूत के मद्देनजर साबित होता है कि लापरवाही से ट्रक चला रहे ड्राइवर के कारण दुर्घटना हुई। मृतक के परिवार में उनकी पत्नी, दो बेटे और उनके अभिभावक हैं। आरोपी ट्रक ड्राइवर के पास वैध ड्राइविंग लाइसेंस होने के तथ्य पर विचार करते हुए न्यायाधिकरण ने बीमा कंपनी को मुआवजा अदा करने का आदेश दिया।
MACT ने शुक्रवार को दिल्ली जल बोर्ड को आदेश दिया कि वह उस महिला के परिवार केा 14.67 लाख रुपये मुआवजा राशि दे जो 2014 में उसके टैंकर से हुई दुर्घटना में मारी गई थी। महिला बाइक पर पीछे बैठी थी और टैंकर ने पीछे से टक्कर मारी। महिला की मौके पर ही मौत हो गई थी। ड्राइवर और DJB ने मुआवजे का विरोध करते हुए कहा कि हादसा पूरी तरह से बाइक चलाने वाले की गलती से हुआ था।
एमएसीटी के पीठासीन अधिकारी अमित बंसल ने अपने आदेश में कहा, ”गवाह से क्रॉस-एग्जामिनेशन में ऐसा कुछ नहीं हुआ जिससे उसके बयान पर संदेह हो। यह स्पष्ट है कि हादसा टैंकर ड्राइवर की लापरवाह ड्राइविंग के चलते हुआ।”