लिंचिंग पर बोले प्रधानमंत्री मोदी- छोटी से छोटी घटना भी दुर्भाग्यपूर्ण, विपक्ष को भी कड़े शब्दों में नसीहत
लोकसभा चुनाव के लिए देश में तैयार होते राजनीतिक माहौल के बीच पीएम ने समाचार एजेंसी एएनआई को इंटरव्यू दिया है। इस इंटरव्यू में पीएम मोदी ने ज्वलंत मुद्दों पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। पीएम ने मॉब लिंचिंग, महागठबंधन, एनआरसी लिस्ट, 2019 का आम चुनाव, इकोनॉमी पर चर्चा की है। पीएम ने मॉब लिंचिंग पर कहा कि लिंचिंग की छोटी से छोटी घटना भी बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। पीएम ने इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने के लिए विपक्ष पर भी हमला बोला है। उन्होंने कहा कि विपक्ष को इसे राजनीतिक रंग नहीं देना चाहिए और कोशिश करनी चाहिए कि समाज एकजुट बना रहे।
पीएम ने कहा, “मैं और मेरी पार्टी ने स्पष्ट शब्दों में कई मौकों पर ऐसे एक्शन्स (लिंचिंग) और ऐसी मानसिकता के खिलाफ बोला है, ये सारे रिकॉर्ड में हैं, यहां तक कि एक भी घटना एक बहुत अधिक और बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है, सभी को राजनीति से ऊपर उठना चाहिए ताकि समाज में शांति और एकता की स्थापना की जा सके।” पीएम मोदी ने मॉब लिंचिंग की घटनाओं को आपराधिक करार देते हुए विपक्ष पर भी हमला किया और कहा कि इन घटनाओं को सिर्फ आंकड़ों तक सीमित कर देना और उसके बाद इस पर राजनीति करना ऐसी घटनाओं का उपहास उड़ाना होगा, यह एक विकृत मानसिकता को दिखाता है जो हिंसा और अपराध को इस तरह से देखता है जिसका की फायदा उठाया जा सके, बजाय इसके कि इसका सामूहिक रुप से विरोध किया जाए।”.
एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक गृह मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक मॉब लिंचिंग के मामलों में नौ राज्यों में 2014 से लेकर 3 मार्च 2018 के बीच 45 लोग मारे गये हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर केन्द्र से कानून बनाने को कहा है ताकि मॉब लिंचिंग जैसी घटनाओं से निपटा जा सके।
प्रधानमंत्री ने राहुल गांधी द्वारा अविश्वास प्रस्ताव के दौरान लोकसभा में उन्हें गले लगाने पर अपनी राय दी। उन्होंने कहा कि गले लगाने के बाद राहुल गांधी के द्वारा अपने सहयोगियों को आंख मारना ये दिखाता है कि उनका व्यवहार कितना ‘बचपना’ भरा था। पीएम ने कहा, “ये आपको तय करना है कि क्या ये बचपना था या नहीं, और यदि आप ये तय नहीं कर पाते हैं, आप आंख मारने को देखिए, आपको जवाब मिल जाएगा।” राहुल गांधी पर तंज कसते हुए पीएम ने कहा, “मैं एक विनम्र कामदार हूं, इस देश के नामदारों की तुलना में मैं कुछ नहीं हूं, वे तय करते हैं कि किससे नफरत की जाए, कब नफरत की जाए, किसे प्यार किया जाए और इस प्यार को दुनिया को कैसै दिखाया जाए…मेरे जैसे कामदार का इसमें दखल नहीं हो सकता है।”