जेएनयू में संगठन को कर दिया बर्बाद- कन्हैया पर आरोप लगाकर साथी ने दिया इस्तीफा
जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार के ऊपर उनके साथी जयंत जिज्ञासू ने बेहद गंभीर आरोप लगाते हुए एआईएसएफ से इस्तीफा दे दिया है। इसके साथ ही जिज्ञासू ने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) और एआईएसएफ, जेएनयू युनिट के सेक्रेटरी पद से भी इस्तीफा दे दिया है। कई सालों तक कन्हैया कुमार के साथ काम करने वाले जिज्ञासू ने उनके ऊपर झूठ बोलने और संगठन को बर्बाद करने का आरोप लगाया है।
जयंत ने अपने फेसबुक पेज पर पोस्ट शेयर करते हुए अपने इस्तीफे की जानकारी दी और इसके साथ ही कन्हैया कुमार के बारे में भी तीखे शब्द बोले। उन्होंने कहा, ‘कॉमरेड, संगठन और पार्टी में एक पूरा पैटर्न दिखता है कि शोषित-उपेक्षित-वंचित-लांछित-उत्पीड़ित लोगों को बंधुआ मज़दूर समझकर उनके साथ व्यवहार किया जाता रहा है। झंडा कोई ढोता है, नेता कोई और बनता है। अपमानित करने के इतने तरीके इजाद कर लिए गए हैं कि उनसे निबटना कोई आसान काम नहीं।’
जिज्ञासू ने फेसबुक पर कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया के महासचिव सुधाकर रेड्डी को संबोधित करते हुए पूरा एक लंबा लेटर लिखा, जिसमें उन्होंने कहा, ‘जिस व्यक्ति के साथ हुई ज्यादती के खिलाफ पूरा जेएनयू और देश का प्रगतिशील व सामाजिक न्यायपसंद धड़ा साथ खड़ा था, उसी कन्हैया ने जेएनयू स्ट्युडेंट कम्युनिटी के साथ धोखा किया। प्रशासन द्वारा थोपे गए कंपलसरी अटैंडेंस के बखेड़े के खिलाफ जब सारे संगठन जूझ रहे थे, छात्रसंघ व सारे छात्र संगठन अटैंडेंस का बहिष्कार कर रहे थे, तो कन्हैया सबसे पहले अटैंडेंस शीट पर जाकर साइन करने वालों में से थे। यह साफ-साफ उस आंदोलन के प्रति गद्दारी थी जिसकी बदौलत वो बतौर मोदीरोग विशेषज्ञ देश भर में अपनी आत्मश्लाघा व बड़बोलेपन की तर्जुमानी करते फिर रहे हैं।’