केरल ने तोड़ी परंपरा, हज कमेटी में पहली बार कोई महिला बनी सदस्य
केरल की हज कमेटी में सालों पुरानी परंपरा तोड़ते हुए पहली बार किसी महिला को सदस्य बनाया गया है। इंडियन नेशनल लीग (आईएनएल) की नेता और कान्हागढ़ नगर पालिका की उपाध्यक्ष एल.सुलैखा अगले दो सालों तक राज्य की हज कमेटी में बतौर सदस्य काम करेंगी। शनिवार (11 अगस्त) को उन्हें इस बारे में आधिकारिक सूचना मिली। सोमवार (13 अगस्त) को तिरुवनंतपुरम में वह कमेटी की एक बैठक में भी हिस्सा लेंगी।
उन्होंने एक अखबार को बताया, “मैं इस मौके पर बेहद खुश हूं और कमेटी के लिए काम करना मेरे लिए सौभाग्य की बात होगी।” दो सालों के कार्यकाल के दौरान उनका जोर मक्का जाने वाली महिला हज यात्रियों के सामने आने वाली दिक्कतों को हल करने पर रहेगा। वह बोलीं, “हज की बात आती है तो पुरुषों के मुकाबले महिला हज यात्रियों की संख्या अधिक रहती है। ऐसे में हज कमेटी में महिलाओं का प्रतिनिधित्व करने पर मेरी जिम्मेदारी बनती है कि मैं उनकी परेशानियों पर ध्यान दूं।”
बकौल सुलैखा, “एलडीएफ सरकार के इस फैसले ने मुझे बेहद सुकून दिया है। मुझे कमेटी के लिए काम अच्छा लगेगा।” उनके अलावा इस नई कमेटी में 15 सदस्य शामिल किए गए हैं।
सुलैखा अंग्रेजी साहित्य में स्तानक हैं। साल 2010 में वह पहली बार कान्हागढ़ नगर पालिका के लिए चुनी गई थीं, जबकि उनके पति अब्दुल आमिर कतर में कारोबारी हैं। दोनों की बेटी फाथीमेद नाज बेगम तीसरी कक्षा में पढ़ती है।
बता दें कि बीते साल देश की हज कमेटी ने हज से जुड़ी नीतियों में संशोधन किया था, जिसके अंतर्गत महिलाओं को अकेले हज पर जाने के लिए हरी झंडी दे दी गई थी। सरकार ने हज यात्रा पर मेहरम (किसा पुरुष रिश्तेदार) के साथ जाने वाली शर्त को हटा दिया था। भारत में हज कमेटी ने जैसे ही महिलाओं को अकेले हज पर जाने की अनुमति दी थी, उसके बाद तकरीबन 1100 महिलाओं को हज के लिए रवाना किया गया था।