भाजपा ने एक साथ चुनाव कराने का किया समर्थन, अमित शाह ने विधि आयोग को लिखा पत्र
देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने की पुरजोर वकालत करते हुए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि इससे चुनाव पर बेतहाशा खर्च पर लगाम लगाने और देश के संघीय स्वरूप को मजबूत बनाने में मदद मिलेगी। विधि आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति बलवीर चौहान को लिखे पत्र में शाह ने कहा कि एक साथ चुनाव कराना केवल परिकल्पना नहीं है बल्कि एक सिद्धांत है जिसे लागू किया जा सकता है। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि यह आधारहीन दलील है कि एक साथ चुनाव देश के संघीय स्वरूप के खिलाफ है, उन्होंने कहा कि एक साथ चुनाव कराने से देश का संघीय स्वरूप मजबूत होगा। विधि आयोग को लिखे आठ पन्नों के पत्र में शाह ने कहा कि एक साथ चुनाव कराने का विरोध करना राजनीति से प्रेरित लगता है। अपने पत्र में उन्होंने विस्तार से लिखा है कि किस तरह से साल भर देश के किसी न किसी राज्य में चुनाव होने से आचार संहिता लागू रहती है और तमाम विकास कार्य इससे बाधित होते हैं।
अपने पत्र में भाजपा अध्यक्ष ने बताया है कि लगातार चुनाव के खर्च बढ़ते जा रहे हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में भारत सरकार ने 3870 करोड़ रुपए खर्च किए। इसके अलावा राजनीतिक दलों के खर्चे होते ही हैं। एक करोड़ से अधिक कर्मचारियों को चुनावी ड्यूटी में लगाया गया था। विभिन्न राज्यों के चुनाव में अलग से सरकरी कर्मचारी और सुरक्षा बल तैनात बाकी पेज 8 पर किए जाते हैं। उन्होंने लिखा है कि उनके विश्लेषण में यह तथ्य आया है कि 2014 में आचार संहिता लगने के कारण प्रशासनिक और विकास की गतिविधियों को करीब सात महीने तक निलंबित रखा गया था। इसके अलावा अनेक आर्थिक बोझ सरकार और जनता पर बेवजह अलग-अलग चुनाव के नाम पर बार-बार डाले जा रहे हैं। भाजपा चाहती है कि एक देश-एक चुनाव के मुद्दे पर सभी दलों में सार्थक बहस हो जिसका तार्किक नतीजा निकाला जा सके।
एक साथ चुनाव कराने की व्यवहारिकता पर विधि आयोग विचार कर रहा है और वह अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप देने से पहले राजनीतिक दलों के विचार जान रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक साथ चुनाव कराने के पक्षधर रहे हैं। उधर लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने के मसले पर विचार-विमर्श के लिए भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को विधि आयोग के चेयरमैन न्यायमूर्ति बीएस चौहान से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल में केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के अलावा भाजपा नेता विनय सहस्रबुद्धे, भूपेंद्र यादव और अनिल बलूनी शामिल थे। प्रतिनिधिमंडल ने इस विषय पर विधि आयोग के समक्ष अपनी बात रखी। प्रतिनिधिमंडल ने विधि आयोग के अध्यक्ष को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का पत्र सौंपा। बैठक करीब 50 मिनट चली ।
बैठक के बाद नकवी ने कहा कि हमारी पार्टी का रुख है कि एक साथ चुनाव कराया जाए । इस विषय पर विधि आयोग से चर्चा हुई, अपने विचार रखे। उन्होंने कहा, पार्टी इसके पक्ष में है। नकवी ने कहा कि देश में एक साथ चुनाव हो, इसके पक्ष में तीन प्रमुख कारक हैं। लगातार चुनाव का सिलसिला जारी रहने के चलते आचार संहिता लागू होने से विकास कार्य प्रभावित होता है। इसके साथ ही चुनाव खर्च में भी बेतहाशा वृद्धि होती है।