मुसलमानों को नमाज में न हो परेशानी, कांवड़ियों ने बंद कर दिया डीजे

भारत में सभी धर्मों के लोग अापस में मिलजुल कर रहते हैं। ईद में हिन्दु मुसलमान भाईयों के घर सेवई खाने जाते हैं तो दशहरा में मुस्लिम कलाकार देवी की प्रतिमा बनाते हैं। होली में एक दूसरे को रंग-गुलाल लगाते हैं। अभी सावन का महीना चल रहा है। शिवभक्त कांवड़ लेकर भगवान भोले को जल अर्पित करने जा रहे हैं। इस दौरान पश्चिमी उत्तर प्रदेश से सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश करने वाली एक खबर सामने आयी है। सहारनपुर में भाईचारे की मिसाल पेश करते हुए कांवडि़यों ने मस्जिद में नमाजियों को नमाज अता करते देख डीजे बंद कर दिया। इसके बाद नमाजियों ने भी कांवडि़यों का गर्मजोशी से स्वागत करते हुए उन्हें गले लगाकर विदा किया। इस घटना की चर्चा पूरे क्षेत्र में हो रही है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सहारनपुर के धोबीघाट के रहने वाले कांवडि़यों का जत्था डीजे बजाते हुए श्री सिद्धपीठ भूतेश्वर मंदिर जा रहे थे। इस दौरान जब वे फव्वारा चौक स्थित जामा मस्जिद के पास से गुजर रहे थे तो देखा कि वहां नमाज अता की जा रही है। नमाज अता करता देख कांवडि़यों ने डीजे बंद कर दिया ताकि मुसलमान भाईयों को परेशानी न हो। नमाज अता करने के बाद जब मुस्लिम समाज के लोगों को यह जानकारी हुई तो उन्होंने ने भी सांप्रदायिक सौहार्द का परिचय देते हुए कांवडि़यों को गले लगा लिया। उनकी खातिरदारी की और फिर विदा किया। नमाजियों ने कहा कि एक दूसरे की इज्जत करना हमारा फर्ज है। यही हमारे देश की खूबसूरती है।

इस दौरान पुलिस और प्रशासन के जवान भी वहां मुस्तैद रहे। सिटी एसपी प्रबल प्रताप ने कहा कि, “कांवडि़ए जब मस्जिद के पास से गुजरने वाले थे, उस समय वहां नमाज हो रही थी। नमाज के समय कांवडि़यों ने डीजे बंद कर दिया और नमाज पूरी होने के बाद वहां से आगे रवाना हुए।” वहीं, इसी तरह उत्तरप्रदेश के गाजियाबाद में भी कुछ इसी की सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल देखने को मिली। यहां मुस्लिम समाज के लोगों ने न सिर्फ कांवडि़यों के लिए जल की व्यवस्था की बल्कि उनके बीच फल भी बांटें।

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