परिवार ने ठुकराया सोमनाथ चटर्जी को ढंकने के लिए दिया माकपा का झंडा, बेटे ने नेताओं को हड़काया

लंबे समय तक माकपा के दिग्गज नेता रहे पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी के परिजन माकपा से इस कदर नाराज हैं कि उन्होंने सोमनाथ चटर्जी के पार्थिव शरीर पर माकपा का झंडा भी नहीं ढंकने दिया। सोमनाथ चटर्जी के पार्थिव शरीर पर मोहन बागान का झंडा ढका गया। बता दें कि पार्टी लाइन का अनुसरण नहीं करने पर सोमनाथ चटर्जी को माकपा ने साल 2008 में पार्टी से निष्कासित कर दिया था। सोमनाथ चटर्जी की बेटी अनुशिला बासु ने बताया कि “पार्टी नेताओं ने हमसे उनके शरीर को पार्टी के झंडे से ढंकने की अनुमति मांगी थी, लेकिन हमने इससे इंकार कर दिया। उन्हें साल 2008 में पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था और हम आज तक भी उस फैसले को स्वीकार नहीं कर सके हैं।” बता दें कि पार्टी से निष्कासन के बाद से ही सोमनाथ चटर्जी सक्रिय राजनीति से दूर हो गए थे और बीते सोमवार को बीमारी के कारण कोलकाता के एक अस्पताल में 89 साल की उम्र में उनका निधन हो गया था।

सोमनाथ चटर्जी की बेटी अनुशिला बासु माकपा पार्टी और उसके नेताओं से इस कदर नाराज हैं कि उन्होंने कहा कि ‘मेरे पिता ने अपने जीवन के अंतिम दिनों में जो कुछ झेला, उसके लिए एक व्यक्ति जिम्मेदार है। हालांकि इस दिन मैं उनका नाम नहीं लेना चाहती।’ गौरतलब है कि 2008 में जब सोमनाथ चटर्जी को पार्टी से निष्कासित किया गया तो उस वक्त माकपा के महासचिव प्रकाश करात थे। सोमनाथ चटर्जी के परिजनों ने पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी की तारीफ की और कहा कि वह जानती हैं कि कौन सम्मान का हकदार है। उल्लेखनीय है कि सोमनाथ चटर्जी ने साल 2008 में लोकसभा अध्यक्ष रहते हुए यूपीए-1 सरकार के खिलाफ इंडो-यूएस डील के मुद्दे पर अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करने से इंकार कर दिया था। इसी मुद्दे पर लेफ्ट पार्टी ने यूपीए सरकार से समर्थन वापस ले लिया था। बाद में सोमनाथ चटर्जी को पार्टी लाइन का अनुसरण नहीं करने पर उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था। सोमनाथ चटर्जी ने उसके बाद कभी भी सक्रिय राजनीति में हिस्सा नहीं लिया और ना ही कभी लेफ्ट के खिलाफ कोई बात कही। सोमनाथ चटर्जी के परिजनों के अनुसार, पार्टी से निष्कासन की घटना को वह अपनी जिंदगी का सबसे दुखद दिन मानते थे।

सोमनाथ चटर्जी के बेटे प्रताप बासु तो उनके पिता की मौत के बाद अपने घर पर माकपा नेताओं को देखकर गुस्से में आ गए थे। पश्चिम बंगाल में लेफ्ट के प्रदेश अध्यक्ष बिमन बासु को वहां देखकर तो वह इतने नाराज हुए कि उन्होंने बिमन बोस को तुरंत वहां से चले जाने को कहा था। प्रताप बासु ने कहा कि मेरे पिता का जीवन भर शोषण करने के बाद, आप यहां क्यों आए हैं? बिमन बोस ने घटना के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि पिता की मौत ने उनके बेटे को मानसिक तौर पर काफी आघात लगा है, इसलिए मैने उनकी बातों का बुरा नहीं माना। सोमनाथ चटर्जी के परिवार में उनकी पत्नी रेनू, बेटी अनुशिला बासु और बेटा प्रताप बासु हैं। चटर्जी की एक अन्य बेटी अनुराधा की बीते दिनों ही मौत हो गई थी। सोमनाथ चटर्जी की अंतिम यात्रा कोलकाता के SSKM अस्पताल में पूरी हुई, जहां उनके शरीर को मेडिकल रिसर्च के लिए दान किया गया है। इससे पहले सोमनाथ चटर्जी के पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शनों के लिए कोलकाता हाईकोर्ट और बाद में राज्य विधानसभा लाया गया, जहां पूरे राजकीय सम्मान के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी गई और सबसे अंत में सोमनाथ चटर्जी के पार्थिव शरीर को उनके घर लाया गया।

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