एंटीगुआ ने किया पीएनबी बैंक घोटाले के मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर भारत भेजने से इंकार

पीएनबी बैंक से साढ़े तेरह हजार करोड़ के घाटोले में आरोपी मेहुल चोकसी को भारत लाने की सरकार की कोशिशों को बड़ा झटका लगा है। दरअसल एंटीगुआ सरकार ने मेहुल चोकसी को गिरफ्तार कर भारत भेजने से इंकार कर दिया है। एंटीगुआ सरकार का कहना है कि उनकी भारत के साथ कोई प्रत्यर्पण संधि नहीं है। साथ ही एंटीगुआ ने नियमों के मुताबिक ही मेहुल चोकसी को नागरिकता दी है। ऐसे में उनको भारत प्रत्यर्पित नहीं किया जाएगा। बता दें कि फर्जी एलओयू से पीएनबी बैंक में घोटाले का आरोपी मेहुल चोकसी गीतांजली जेम्स कंपनी का मालिक है और घोटाले के बाद देश छोड़कर फरार हो गया था। मेहुल चोकसी हाल ही में अमेरिका से एंटीगुआ पहुंचा था, जहां उसने वहां की नागरिकता ले ली थी।

मेहुल चोकसी ने एंटीगुआ सरकार के सिटीजनशिप फॉर इन्वेस्टमेंट कार्यक्रम के तहत वहां शरण ली थी। इस योजना के अनुसार, कोई भी व्यक्ति सिर्फ 1.3 करोड़ रुपए देकर एंटीगुआ की नागरिकता पा सकता है। मेहुल चोकसी ने नवंबर, 2017 में एंटीगुआ की नागरिकता हासिल की थी। इसी साल 15 जनवरी को चोकसी ने एंटीगुआ में सभ्य नागरिक के रुप में रहने की शपथ ली थी। भारत सरकार को जैसे ही मेहुल चोकसी के एंटीगुआ की नागरिकता हासिल करने की जानकारी हुई तो सरकार ने एंटीगुआ सरकार से संपर्क कर मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण की मांग की थी। भारत सरकार ने एंटीगुआ से अपील करते हुए कहा था कि वह भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को हिरासत में ले लें और जमीन, वायु और सड़क मार्ग से उसके यात्रा करने पर प्रतिबंध लगा दें। भारत की यह अपील एंटीगुआ के विदेश मंत्री ई पी चेट ग्रीन के एक बयान के बाद सामने आयी थी।

वहीं एंटीगुआ की नागरिकता हासिल करने के बारे में मेहुल चोकसी ने भी अपनी सफाई दी थी। एंटीगुआ के अखबार डेली ऑब्जर्वर ने मेहुल चोकसी का बयान अपने अखबार में छापा था, जिसके अनुसार मेहुल चोकसी ने कहा था कि “मैंने कानूनन एंटीगुआ और बरबुडा की नागरिकता के लिए निवेश के बदले नागरिकता नियम के तहत आवेदन किया है। मैंने हर विधिक नियम को पूरा किया है। नागरिकता के लिए मेरा आवदेन भी कानून के मुताबिक ही पूरा और मंजूर किया गया है।” बहरहाल अब इस पूरे मामले पर एंटीगुआ ने भारत सरकार को बड़ा झटका देते हुए मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण से साफ इंकार कर दिया है।

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