मध्य प्रदेश ओपिनियन पोल: अकेले कांग्रेस को बहुमत, गठजोड़ किया तो दो अंकों में सिमट सकती है भाजपा
मध्य प्रदेश में इस साल के अंत तक विधान सभा चुनाव होने हैं। चुनाव से करीब चार महीने पहले एबीपी न्यूज और सी-वोटर ने ओपिनियन पोल सर्वे कराया है जिसमें बताया गया है कि 15 वर्षों से सत्ता पर काबिज भाजपा की शिवराज सिंह चौहान सरकार के खिलाफ जबर्दस्त एंटी इन्कमबेंसी फैक्टर हावी है। सर्वे के मुताबिक भाजपा राज्य में हार सकती है। सर्वे के मुताबिक 230 सदस्यों वाली विधान सभा में कांग्रेस 117 सीटें जीतकर पूर्ण बहुमत की सरकार बना सकती है जबकि भाजपा 106 सीटों पर सिमट सकती है। बता दें कि राज्य में बहुमत के लिए 116 सीटों की दरकार है।
सर्वे के ये आंकड़े कांग्रेस ने अपने बलबूते हासिल किए हैं। फिलहाल कांग्रेस ने किसी भी पार्टी से गठजोड़ नहीं किया है। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से गठजोड़ पर बातचीत अभी जारी है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि अगर राज्य में कांग्रेस और बसपा ने मिलकर चुनाव लड़ा तो ओपिनियन पोल के सर्वे के आंकड़ों से कहीं ज्यादा कांग्रेस गठबंधन को सीट मिल सकती है जबकि भाजपा दो अंकों में ही सिमटकर रह सकती है। बता दें कि साल 2013 के विधान सभा चुनाव में कांग्रेस ने मात्र 58 सीटें जीती थीं जबकि बीएसपी चार सीट जीत पाई थी। बीजेपी को
सर्वे के मुताबिक राज्य में कांग्रेस को कुल 42 फीसदी वोट मिलने के आसार हैं। यह 2013 की तुलना में करीब चार फीसदी ज्यादा है। भाजपा को सर्वे में 40 फीसदी वोट मिलता हुआ बताया गया है जो पांच साल पहले 44.88 फीसदी था। यानी भाजपा का वोट फीसदी करीब पांच फीसदी गिर रहा है। अन्य के खाते में 18 फीसदी वोट शेयर दिखाया गया है। बसपा ने 2013 में करीब 6.29 फीसदी वोट हासिल किए थे। अगर आगामी चुनावों के मद्देनजर कांग्रेस और बसपा में गठजोड़ हुआ तो उनके वोट फीसदी का आंकड़ा करीब 49 फीसदी हो सकता है और सीटों का आंकड़ा 160 से 170 के बीच जा सकता है। हालांकि, मुख्यमंत्री की पसंद के तौर पर शिवराज सिंह चौहान अब भी सबसे ऊपर हैं। सर्वे में उन्हें 42 फीसदी लोगों ने पहली पसंद बनाया है जबकि 30 फीसदी लोगों की पसंद ज्योतिरादित्य सिंधिया हैं। एमपी कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ को सिर्फ सात फीसदी लोगों ने सीएम के तौर पर पसंद किया है।