केरल में अब भी बाढ़ से हाल बेहाल, पर्यटन उद्योग ठप, 39 लोगों की हो चुकी है मौत
केरल के कई हिस्सों में आज बारिश होने से कई स्थानों पर भूस्खलन की घटनाएं हुयीं जिससे बाढ़ की विभीषिका झेल रहे लोगों की चिंताएं और बढ़ गयीं हैं। केरल पहले से ही भारी बारिश और भीषण बाढ़ का सामना कर रहा है और पिछले छह दिनों में 39 लोगों की मौत हो चुकी है। भारी बारिश और बाढ़ के कारण राज्य का पर्यटन उद्योग भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है।इस बीच केंद्र सरकार के राष्ट्रीय आकस्मिक प्रतिक्रिया केंद्र (एनईआरसी) ने नयी दिल्ली में कहा कि मानसून के प्रकोप के कारण केरल मे 187 लोगों की मौत हो चुकी है। राज्य के 14 जिलों के 2406 गांव बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। इसके अलावा करीब 26,400 हेक्टेयर क्षेत्रफल में खड़ी फसल क्षतिग्रस्त हो गयी है।
बारिश के कारण मलाप्पुरम, कोझिकोड, इडुक्की और वायनाड जिलों में विभिन्न स्थानों पर भूस्खलन की घटनाएं हुयीं। बाढ़ के कारण करीब एक लाख लोग बेघर हो गए हैं और उन्हें राहत शिविरों में पहुंचाया गया है। राज्य के आपदा नियंत्रण कक्ष के अनुसार वायनाड जिले में करीब 14 हजार लोगों ने 124 राहत शिविरों में शरण ली है। इडुक्की जिले में लोगों को कुछ राहत मिली है। इडुक्की बांध में जलस्तर घटकर 2,397.58 फुट तक आ गया है जिससे निचले इलाकों में बाढ़ को लेकर खतरा कम हुआ है। वर्तमान स्तर पर चेतावनी जारी करने की जरूरत नहीं है।
मौसम अधिकारियों ने मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा है कि केरल और लक्षद्वीप के तटों पर 35 से 45 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से हवा चल सकती है और इसकी गति 60 किलोमीटर तक जा सकती है। इस भीषण बाढ़ से आम लोगों के प्रभावित होने के साथ ही राज्य का पर्यटन और यात्रा उद्योग भी बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। राज्य अभी निपाह चक्रवात की तबाही से उबर ही रहा था कि बाढ़ ने कहर बरपा दिया। नौका दौड़ जैसे आयोजन भी स्थगित कर दिए गए हैं।
इस बीच अयप्पा भक्तों को सलाह दी गयी है कि वे आने वाले दिनों में सबरीमला मंदिर की यात्रा नहीं करें क्योंकि पंपा नदी कई स्थानों पर उफान पर हैं। मंदिर का प्रबंधन करने वाले त्रावणकोर देवसवोम बोर्ड, जिला प्रशासन, पुलिस ने श्रद्धालुओं के लिए अलर्ट जारी किया है और जलस्तर घटने तक लोगों को विभिन्न स्थानों पर रोकने का फैसला किया है।