एमपी: 25,000 से 50,000 हुआ मदरसों का सालाना अनुदान, सीएम बोले- बच्चों को हुनरमंद बनाएं
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के मदरसों में छात्रों को दीनी तालीम के साथ ही आधुनिक शिक्षा देने की वकालत करते हुए बच्चों को हुनरमंद बनाने पर जोर दिया है। मुख्यमंत्री ने ढांचागत विकास के लिये प्रत्येक मदरसे को सालाना तौर पर मिलने वाली राशि को 25,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये करने की घोषणा भी की। चौहान ने भोपाल में मदरसा बोर्ड के 20वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘दीनी तालीम के साथ ही मदरसों में आधुनिक शिक्षा भी दी जाए। आधुनिक समय में बच्चों को हुनरमंद बनाना जरूरी है। बच्चों को दीनी और आधुनिक शिक्षा साथ-साथ देते हुए उन्हें अच्छा इंसान बनाना होगा।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि मदरसों के ढांचागत विकास के लिये प्रत्येक मदरसे को सालाना तौर पर मिलने वाली राशि को 25,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये किया जाएगा। इसके अलावा मध्य प्रदेश मदरसा बोर्ड के लिये आडिटोरियम भी बनाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि सरकार ने बच्चों की शिक्षा में किसी प्रकार का भेदभाव नहीं होने दिया है। सबके लिये योजनाएं हैं। विद्यार्थी ईश्वर का उत्कृष्ट उपहार हैं। इनके लिये बेहतर से बेहतर करने की जिम्मेदारी सरकार की है। चौहान ने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य विद्यार्थियों में ज्ञान का हस्तांतरण करना, उन्हें हुनरमंद बनाना और अच्छे नागरिक संस्कार देना है।
इस अवसर पर प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री विजय शाह ने कहा कि मदरसा कक्षाओं में पहली कक्षा से ही कम्प्यूटर शिक्षा दी जा रही है। उन्होंने बताया कि अन्य स्कूलों की तरह मदरसों में भी हर दिन तिरंगा फहराया जाएगा। समारोह में मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष प्रो सैयद इमादुद्दीन ने बताया कि अब तक 2575 मदरसों का पंजीयन हुआ है जिनमें दो लाख 88 हजार बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उत्कृष्ट मदरसों, उत्कृष्ट मदरसा शिक्षक-शिक्षिकाओं और प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को सम्मानित किया। मदरसा बोर्ड की उल्लेखनीय प्रगति दर्शाने वाली स्मारिका का विमोचन भी किया।