कर्नाटक: किसानों ने सीएम को पत्र लिख लोन माफ न करने की गुजारिश की

ऐसे वक्त में जब विपक्ष और किसान संगठन सरकारों पर किसानों का लोन माफ करने का दबाव बनाते रहते हैं। कर्नाटक के किसान ने नई नजीर पेश की है। उसने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर किसानों का कर्ज माफ न करने की अपील की है। कर्नाटक के चिकमंगलूर जिले के इस किसान ने कर्ज के दबाव पर अपने आत्मसम्मान को वरीयता दी है। किसान ने मुख्यमंत्री को लिखे अपने पत्र में खेती—किसानी से जुड़ी उन समस्याओं को उठाया है, जिनका सामना किसान अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में कर रहे हैं। किसान ने मांग की है कि लोन माफ करने जैसी एक बार मिलने वाली राहत की बजाय मुख्यमंत्री किसान की असली समस्याओं का समाधान करने की कोशिश करें।

मुख्यमंत्री को पत्र लिखने वाले इस किसान का नाम एमएच अमरनाथ है। 45 वर्षीय अमरनाथ मुदिगेरे ​चिकमंगलूर जिले के मुदिगेरे तालुका में रहते हैं। कला वर्ग से ग्रेजुएट अमरनाथ के पास 11 एकड़ कृषि भूमि है। इस भूमि पर वह अन्य ​फसलों के अलावा काली मिर्च और काफी भी उगाते हैं। उन्होंने एक निजी बैंक से 4 लाख रुपये का फसल लोन लिया है। अमरनाथ ने टाइम्स आॅफ इंडिया से अपनी बातचीत में बताया,”कर्ज माफी की योजना मेरे आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाती है। इसलिए मैंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखने का फैसला किया है। मुझे नहीं पता कि बाकी किसान की इस मुद्दे पर क्या राय है?

किसान अमरनाथ ने जिला प्रशासन और कर्नाटक सरकार को भी सूचना दी है कि वह कर्ज माफी योजना का लाभ नहीं लेना चाहते हैं। अमरनाथ ने कहा कि कर्नाटक सरकार को केंद्र सरकार की एलपीजी की सब्सिडी छोड़ने वाली योजना की तर्ज पर योजना शुरू करनी चाहिए। ताकि जो किसान सरकार की इस योजना का लाभ न लेना चाहते हों, वह स्वेच्छा से इसे छोड़ सकें।

अमरनाथ, मुदिगेरे तालुका के बेलगोला के कारादगदू ग्राम पंचायत के रहने वाले हैं। उन्होंने कहा कि एचडी कुमारस्वामी की सरकार ने किसानों एक लाख रुपये तक के कर्ज को माफ करने का ऐलान किया है। इससे किसानों को चोट पहुंची है। खासतौर पर उन लोगों को जो सक्षम हैं और खुद समस्या झेलकर भी कर्ज चुकाने की क्षमता रखते हैं। किसी भी योजना का लाभ सबसे ज्यादा जरूरतमंद तक पहुंचना ही चाहिए।”

अमरनाथ ने सरकार का ध्यान किसानों की वास्तविक समस्याओं की तरफ भी आकर्षित करने की कोशिश की है। अमरनाथ का कहना है कि किसान नकली खादों और कीटनाशकों, अवैज्ञानिक समर्थन मूल्यों और दोषपूर्ण फसल बीमा योजना से कहीं ज्यादा परेशान है। अमरनाथ ने अपने इंटरव्यू में बताया,”उदाहरण के लिए, मेरे लोन खाते से पिछले साल फसल बीमा योजना के नाम पर 7,000 रुपये काटे गए थे। लेकिन जब मौसम की आपदा के कारण मेरी काली मिर्च की फसल खराब हो गई तो मुझे बीमा कंपनी से एक भी रुपया नहीं मिला। मुख्यमंत्री को किसानों की इन समस्याओं की ओर पहले ध्यान देने की जरूरत है।

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