अपराधियों ने पुणे के बैंक का सर्वर हैक कर 7 घंटो में किया 15 हजार ट्रांजैक्शन और 94 करोड़ भेजे विदेश

पुणे के कॉसमो कॉपरेटिव बैंक लिमिटेड की मुख्य शाखा का सर्वर दो बार हैक कर लिया गया। बैंक का आरोप है कि सात घंटों में तकरीबन 94 करोड़ रुपए देश के साथ विदेश के खातों में भेजे गए। ये पूरी रकम 15 हजार ट्रांजैक्शंस के जरिए ट्रांसफर की गई, जिसमें कुछ हिस्सा हॉन्ग-कॉन्ग भी पहुंचाया गया।
मंगलवार (14 अगस्त) को बैंक ने इस बाबत एक अज्ञात शख्स और हॉन्ग-कॉन्ग मूल की एक कंपनी के खिलाफ शिकायत दी है।
कॉसमो बैंक देश का दूसरा सबसे बड़ा कॉपरेटिव बैंक है, जिसके अधिकारियों ने शिकायत में बताया कि 11 अगस्त और 13 अगस्त को उनके सर्वर हैक कर लिए गए थे। सायबर अपराधियों ने 11 अगस्त को दोपहर तीन बजे से रात 10 बजे के बीच तकरीबन 15 हजार ट्रांजैक्शन किए।
शिकायत के मुताबिक, विदेशी बैंक में 14849 ट्रांजैक्शंस के जरिए 80.5 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए गए, जबकि 13.92 करोड़ रुपए स्विफ्ट ट्रांजैक्शंस के जरिए किए गए। बैंक से गायब हुई इतनी बड़ी रकम के तार हॉन्ग-कॉन्ग से जुड़े, जहां पर 78 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए गए थे। वहीं, नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) और वीजा के जरिए भारत में 2.5 करोड़ रुपए के ट्रांजैक्शंस किए गए थे।
यही नहीं, हैकरों ने सोमवार (13 अगस्त) को दोबारा बैंक के सर्वर को निशाना बनाया। एफआईआर के अनुसार, यह काम रात में साढ़े 11 बजे हुआ था। वारदात को अंजाम देने के लिए मालवेयर (वायरस) हमले का सहारा लिया गया था, जिसे एटीएम के स्विच सर्वर पर लॉन्च किया गया था।
हैकरों ने इसकी मदद से ऑनलाइन सुरक्षा मानकों को लांघते हुए रकम ट्रांसफर कर ली थी। शिकायत में ये भी बताया गया कि वारदात के दौरान हजारों कार्डधारकों की जानकारियों को बैंक से चुराया गया। पुलिस ने बताया कि मामले की जांच-पड़ताल की जा रही है।
बता दें कि कॉसमो बैंक की स्थापना साल 1906 में की गई थी। इसे देश में सबसे पुराने अर्बन कॉपरेटिव बैंक के तौर पर जाना जाता है। देश में इसके पांच रीजनल ऑफिस हैं, जिसके कुल सात राज्यों में 140 सर्विस आउटलेट्स मौजूद हैं।