पीएम मोदी ने महिलाओं पर दिया विशेष जोर, बोले- सुरक्षा और सम्मान देने को हैं प्रतिबद्ध

कानून के शासन को सर्वोच्च बताते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि बलात्कार की घटनाएं पीड़ा पहुंचाती हैं और बलात्कारियों के लिए मौत की सजा को प्रचारित किये जाने की जरूरत है ताकि ऐसी राक्षसी प्रवृति वाले लोगों के मन में भय पैदा हो। प्रधानमंत्री ने कहा कि महिलाओं के लिए न्याय और हक को पूरा करने में मैं कोई कमी नहीं रखूंगा और ऐसी राक्षसी प्रवृति पर प्रहार करने और महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान अक्षुण्ण बनाये रखने के लिये मैं प्रतिबद्ध हूं। देश के 72वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किला की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि भारत की महिलाएं देश के विकास में कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं। खेत से लेकर खेल के मैदान तक महिलाएं योगदान दे रही हैं और स्कूल से लेकर सेना तक कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं।

उन्होंने कहा कि ऐसे समय में कुछ राक्षसी शक्तियां भी हैं। बलात्कार की घटनाएं पीड़ा पहुंचाती हैं। हमें पीड़िता से ज्यादा पीड़ा होनी चाहिए । इस बुराई से देश को मुक्त करना होगा।
मोदी ने कहा कि हमें राक्षसी प्रवृत्ति पर प्रहार करने की आवश्यकता है। हम महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान को अक्षुण्ण रखने के लिये प्रतिबद्ध हैं। मोदी ने कहा कि पिछले दिनों मध्यप्रदेश के कटनी में पांच दिनों में बलात्कारियों को फांसी की सजा सुनाई गई । राजस्थान में भी ऐसा हुआ। इन ख़बरों को प्रचारित किया जाना चाहिए, जिससे इन राक्षसों को भय होगा।

उन्होंने कहा ‘‘ इस मानसिकता, सोच, विकृति पर प्रहार करने की जÞरूरत है । महिलाओं के न्याय, हकÞ को पूरा करने में मैं कोई कमी नहीं रखूंगा। हमारे लिए कानून का शासन सर्वोच्च है। इससे कोई समझौता नहीं किया जा सकता। ’’ महिलाओं के योगदान का जिक्र करते प्रधानमंत्री ने कहा कि आज देश के कैबिनेट में सबसे ज्यादा महिला मंत्री हैं, सुप्रीम कोर्ट में आज तीन महिला जज हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘ हमने सशस्त्र सेनाओं में महिलाओं को स्थाई र्सिवस देने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि आजादी का यह पर्व हम तब मना रहे हैं जब हमारी बेटियों…. उतराखंड, हिमाचल प्रदेश, मणिपुर, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश की बेटियों ने सात समंदर पार किया और सातों समंदर को तिरंगे रंग से रंगकर लौट आईं। मोदी ने कहा ‘‘ एवरेस्ट विजयी तो बहुत हुए। हमारे अनेक वीरों और बेटियों ने एवरेस्ट पर तिरंगा फहराया है। आजादी के इस पर्व पर याद करूंगा कि आदिवासी इलाकों के हमारे बच्चों ने एवरेस्ट पर तिरंगा फहराकर इसकी शान और बढ़ा दी ।’’

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